वैश्विक स्तर पर प्लास्टिक बैन को लेकर कई राष्ट्रों ने सख्त कदम उठाया है। भारत सरकार ने भी इस पर अपना रुख साफ करते हुए देश में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन कर दिया है। इससे प्लास्टिक के विकल्पों की मांग में एकाएक तेजी आ गई है, जिससे जूट से बने प्रोडक्ट मांग की बढ़ गई है। मांग बढ़ने से हालात ये है कि कंपनियां डबल शिफ्ट में काम कर रही हैं।
नई दिल्ली. दुनियाभर में पर्यावरण को प्लास्टिक से होने वाले समस्याओं को ध्यान में रखते हुए कई तरह के रास्ते खोजे जा रहे हैं। भारत में भी सरकार ने सिंगल प्लास्टिक यूज पर बैन लगा दिया है। जिससे प्लास्टिक के विकल्पों जैसे जूट से बने थैले की मांग में भारी तेजी आई है। ऑर्डर की मांग एकाएक ज्यादा बढ़ने से मील यूनिट्स ने सरकार से आग्रह किया है कि मिलने वाले ऑर्डर को कम किया जाए।
बिजनेस शुरू करने का सही समय
ऐसे में आपके लिए नए बिजनेस शुरू करने क लिए यह सबसे बेहतर समय है। खास करके उनके लिए जिनका बजट कम है। जूट से बने थैले का निर्माण करने वाली यूनीट को बेहद कम निवेश में शुरू किया जा सकता है। क्योंकि देश के रिटेलर्स और दुकानदार जूट से बने थैलों की तरफ मुड़ रहे हैं। कस्टमर्स भी रियूजेबल थैलों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
सरकार देती है लोन
आपको बता दें कि सरकार ने छोटे उद्यमियों को सस्ते दर पर लोन भी मुहैया करती है। इसके तहत निवेश राशि की 80 फीसद राशि सरकार द्वारा दी जाती है। इसमें प्रधानमंत्री मुद्रा योजना सहीत कई योजनाएं हैं। जिसके अन्तर्गत सरकार छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहन भी देती है।
जूट मीलों के ऑर्डर में बढ़ोतरी
मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक बिरला कॉर्पोरेशन की यूनीट बिरला जूट मिल्स को 20 लाख जूट थैलों का ऑर्डर पूरा करने के लिए अपनी क्षमता बढ़ानी पड़ रही है। मिल्स के असिसटेंट वाइस प्रेसिडेंट आदित्य शर्मा ने मीडिया को बताते हुए कहा कि जूट मिल्स को पिछले साल ही शुरू किया गया था। जिसकी क्षमता करीब 1.5 लाख थैला बनाने की है। बढ़ते मांग को देखते हुए हमने एक और यूनीट बनाने का फैसला किया है।
कई जूट मीलों के मालिकों का भी कहना है कि जूट से बने थैलों की बढ़ती मांग के चलते कुल जूट उत्पादन क्षमता में 15 फीसदी और बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। जिससे जूट थैलों के बढ़ती मांग की पूर्ती किया जा सके।