1 जनवरी से आगे बढ़ सकती है FASTag लागू होने की तारीख, जानें क्या है इसकी वजह

केंद्र सरकार ने 1 जनवरी, 2021 से वाहनों के टोल टैक्स (Toll Tax) के लिए फास्टैग (Fastag) को अनिवार्य करने का फैसला किया था। लेकिन सरकार अब इस समय सीमा को आगे बढ़ा सकती है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 30, 2020 9:52 AM IST

बिजनेस डेस्क। केंद्र सरकार ने 1 जनवरी, 2021 से वाहनों के टोल टैक्स (Toll Tax) के लिए फास्टैग (Fastag) को अनिवार्य करने का फैसला किया था। लेकिन सरकार अब इस समय सीमा को आगे बढ़ा सकती है। बताया जा रहा है कि सरकार फास्टैग (Fastag) की डेडलाइन एक महीना और आगे कर सकती है। इसकी वजह यह है कि अभी भी कई वाहन चालक कैश में टोल टैक्स दे रहे हैं। फिलहाल, FASTag के जरिए कलेक्शन 75-78 फीसदी के आसपास है।

क्या कहना है अधिकारियों का
टोल टैक्स से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल किसी को कैश देने से नहीं रोका जा सकता है, क्योंकि कैश ट्रांजैक्शन भी एक कानूनी तरीका है। वहीं, अधिकारियों का यह भी कहना है कि मोटर व्हीकल्स रूल (MV Rule) में FASTag को अनिवार्य बनाना होगा। बता दें कि हाल के महीनों में  FASTag का इस्तेमाल करने वाले यात्रियों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। 

दोगुना करना पड़ता है पेमेंट
सरकार ने पहले कहा था कि 1 जनवरी, 2021 से सभी पुराने वाहनों के लिए फास्‍टैग को अनिवार्य किया जाएगा। नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने भी कहा था कि 1 जनवरी, 2021 से टोल टैक्स कलेक्शन कैश में पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। लेकिन अभी तत्काल यह संभव नहीं है। सरकार टोल टैक्स कलेक्शन पूरी तरह से FASTag के जरिए वसूलना चाहती है। टोल प्लाजा पर कैश को खत्म करने के लिए दोनों साइड से FASTag के लिए अलग से लाइन बनाई है। ऐसे में, अगर कोई बिना FASTag के इस लाइन में आ गया तो उसे नॉर्मल टोल टैक्स से दोगुना पेमेंट करना होता है। 

लगाए गए हैं काउंटर
लोगों की सुविधा के लिए टोल प्लाजा पर कई बैंकों के एजेंट और नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की ओर से काउंटर लगाए गए हैं। लोग अपने वाहन की आरसी और ड्राइविंग लाइसेंस (RC & DL) के अलावा आधार कार्ड (Aadhar Card) दिखाकर  फास्टैग खरीद सकते हैं। पिछले एक साल से करीब 70 फीसदी वाहन फास्टैग के जरिए डिजिटल तरीके से टोल टैक्स का भुगतान कर रहे हैं। 

कब हुई शुरुआत
फास्टैग (FASTag) की शुरुआत साल 2016 में हुई थी। इसके जरिए टोल प्लाजा पर शुल्क का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक तरीके से किया जाता है। फास्टैग को अनिवार्य किए जाने के बाद टोल प्लाजा पर वाहनों को रुकना नहीं पड़ेगा और टोल टैक्स का पेमेंट इलेक्ट्रॉनिक तरीके से हो जाएगा। साल 2016 में 1 लाख फास्टैग जारी किए गए थे। 2017 में 7 लाख और 2018 में 34 लाख फास्टैग जारी किए गए। मंत्रालय ने इस साल नवंबर में एक नोटिफिकेशन जारी कर 1 जनवरी, 2021 से पुराने वाहनों या 1 दिसंबर, 2017 से पहले के वाहनों के लिए भी फास्टैग को अनिवार्य कर दिया है। राष्ट्रीय परमिट वाले वाहनों के लिए फास्टैग को 1 अक्टूबर, 2019 से अनिवार्य किया गया है।

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