BPCL के निजीकरण के लिए सरकार कुछ दिन में मांग सकती है LOI, इतने प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की तैयारी

 सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के निजीकरण के लिये अगले कुछ दिन के भीतर ही बोली लगाने के लिये रुचि पत्र आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है

नई दिल्ली: सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के निजीकरण के लिये अगले कुछ दिन के भीतर ही बोली लगाने के लिये रुचि पत्र आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है।

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल नवंबर में पेट्रोलियम विपणन एवं रिफाइनिंग कंपनी बीपीसीएल की रणनीतिक बिक्री को मंजूरी दे दी थी। सरकार की इस कंपनी में इस समय 53.29 प्रतिशत हिस्सेदारी है। मौजूदा बाजार कीमत के मुताबिक रणनीतिक बिक्री से 60 हजार करोड़ रुपये प्राप्त हो सकते हैं।

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दुबई में चलाया गया प्रचार अभियान 

निवेशकों के लिये बीपीसीएल के बारे में पिछले साल दिसंबर में अमेरिका, लंदन और दुबई में प्रचार अभियान चलाया गया। बीपीसीएल की देश में मुंबई, कोच्चि, बीना, नुमाली गढ़ सहित चार रिफाइनरियां हैं। देशभर में उसके 15,078 पेट्रोल पंप और 6,004 एलपीजी वितरक हैं।

निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहीन कांत पांडे ने कहा, ‘‘हमें (बीपीसीएल के रोड़ शो) काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली। हम इसके लिये जल्द ही रुचि पत्र जारी करेंगे। उसके बाद निवेशक औपचारिक प्रक्रिया के जरिये हमसे जुड़ जायेंगे। बीपीसीएल के लिये रुचि पत्र कुछ ही दिनों में जारी कर दिया जायेगा।’’

2.10 लाख करोड़ रुपये मिलने का लक्ष्य 

बीपीसीएल की रणनीतिक बिक्री से मिलने वाली राशि सरकार को एक अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष में प्राप्त होगी। दीपम विभाग ने अगले वित्त वर्ष में विनिवेश से होने वाली प्राप्ति के लिये 1.20 लाख करोड़ रुपये का बड़ा लक्ष्य रखा है। इसके अलावा अलग से 90 हजार करोड़ रुपये बैंकों और वित्तीय संस्थानों में सरकार की हिस्सेदारी बेचने से प्राप्त होंगे। कुल मिलाकर विनिवेश गतिविधियों से 2.10 लाख करोड़ रुपये मिलने का लक्ष्य नये बजट में रखा गया है।

आईआरएफसी का प्रारम्भिक सार्वजनिक निर्गम लाने की योजना

चालू वित्त वर्ष में सरकार ने विनिवेश से 1.05 लाख करोड़ रुपये मिलने का लक्ष्य रखा था लेकिन इसके पूरा होने की संभावना नहीं है। बजट में इस लक्ष्य को संशोधित कर 65 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसमें से अब तक सरकार ने 35 हजार करोड़ रुपये जुटा लिये हैं। केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के एक्सजेंट ट्रेडिड फंड (ईटीएफ) की दो किस्तों से जुटाई गई राशि भी इसमें शामिल है।

पांडे ने कहा, ‘‘हमने 35,000 करोड़ जुटा लिये हैं। इसके बाद रणनीति विनिवेश होगा, फिर बिक्री पेशकश, आईपीओ, बॉय बैंक आदि कई प्रक्रियायें है जिनके जरिये राशि जुटाई जायेगी। इन सभी को मिलाकर हम संशोधित लक्ष्य को हासिल कर लेंगे।’’

उन्होंने कहा कि सरकार की आईआरएफसी का प्रारम्भिक सार्वजनिक निर्गम लाने की योजना है। टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन और नीपको की रणनीतिक बिक्री भी इसी साल में पूरी कर ली जायेगी। 

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

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