देश के छोटे कारोबारियों को सरकार ने तोहफा दिया है। अब अगर लेट जीएसटी फाइल की तो लेट फाइन नहीं देना होगा। इसके लिए जून तक की छूट दी गई है।
नई दिल्लीः जीएसटी (GST) को लेकर एक बड़ी खबर सामने आयी है। दरअसल यह देश के करोड़ों छोटे कारोबारियों को मोदी सरकार की तरफ से एक बड़े तोहफे की तरह है। इसके अनुसार अगर जीएसटी रिटर्न भरने में देरी होती है तो कारोबारियों को लेट फाइन नहीं देना होगा। यह एक बड़ी राहत भरी खबर है। सरकार ने कंपोजिशन स्कीम के तहत रजिस्टर्ड छोटे टैक्सपेयर्स द्वारा वित्त वर्ष 2021-22 के लिए जीएसटी रिटर्न भरने में देरी के लिए जून तक दो महीने के लिए लेट फीस माफ कर दी है।
नोटिफिकेशन जारी कर दी जानकारी
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने एक नोटिफिकेशन जारी कर बताया है कि वित्तवर्ष 2021-22 का अंतिम सालाना रिटर्न जीएसटीआर-4 दाखिल करने में देरी करने पर मई और जून का लेट फीस नहीं लिया जाएगा। सीबीआईसी के अनुसार, कंपोजीशन स्कीम के तहत रजिस्टर्ड छोटे कारोबारी 1 मई से 30 जून तक कोई लीट फीस नहीं देंगे। आपको बता दें कि जीएसटीआर-4 सिर्फ कंपोजीशन स्कीम में शामिल छोटे कारोबारी ही दाखिल करते हैं।
GST रिटर्न भरने वालों के लिए लेट फीस
जीएसटी के नियमों के मुताबिक जीएसटीआर-4 दाखिल करने में देरी पर प्रतिदिन 50 रुपये के हिसाब से लेट फीस लगाई जाती है। हालांकि, जहां देय टैक्स की कुल राशि शून्य है, वहां अधिकतम 500 रुपये विलंब शुल्क या लेट फीस के रूप में लगाया जा सकता है। अन्य मामलों में 2,000 रुपये तक विलंब शुल्क लगाया जा सकता है।
किसके लिए है कंपोजिशन स्कीम
1.5 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाला कोई भी ट्रेडर जीएसटी कंपोजिशन स्कीम (GST Composition Scheme) अपना सकता है। वहीं पूर्वोत्तर राज्यों के उद्यमियों के लिए यह सीमा 75 लाक रुपये है। इस स्कीम के अंतर्गत मैन्यूफैक्चरर्स और ट्रेडर्स को 1 फीसदी GST देना होता है। जबकि रेस्टोरेंट (अल्कोहल नहीं पड़ोसनेवाले) को 5 फीसदी और अन्य प्रोवाइडर्स को 6 फीसदी GST देना होता है।
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