मध्यपूर्व में अमेरिका हवाई हमलों से आपकी जेब पर पड़ेगा असर; जानिए कैसे ?

इराक में अमेरिकी हवाई हमलों से मध्यपूर्व में तनाव बढ़ गया है अमेरिका ने शनिवार को फिर इराक के अर्द्धसैनिक बलों की टुकड़ी पर हवाई हमला किया

Asianet News Hindi | Published : Jan 4, 2020 8:30 AM IST / Updated: Jan 04 2020, 02:06 PM IST

मुंबई: इराक में अमेरिकी हवाई हमलों से मध्यपूर्व में तनाव बढ़ गया है। अमेरिका ने शनिवार को फिर इराक के अर्द्धसैनिक बलों की टुकड़ी पर हवाई हमला किया। उधर हमलों के बाद ईरान ने अपने शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी  की मौत का बदला लेने की धमकी दी है इससे दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादक क्षेत्र में हालात बिगड़ने का डर है। आइए जानते हैं की इसका भारत पर क्या असर पड़ेगा।

मध्यपूर्व में इस तरह का तनाव का सीधा असर भारत जैसे देशों पर पड़ता है शुक्रवार को क्रूड ऑयल की कीमत में 3 फीसदी उछाल आया। भारत में पहले ही ईंधन की कीमतें 13 महीने की ऊंचाई पर हैं। ईंधन महंगा होने से माल ढुलाई की लागत बढ़ेगी जो रोजमर्रा की चीजों पर बोझ बढ़ाने का काम करेगी।

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बढ़ सकते हैं सोने के दाम

अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ने का असर सोने की कीमतों पर भी पड़ा। घरेलू बाजार में सोना 700 रुपये से ज्यादा उछाल के साथ 39,872 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। सोने की वैश्विक कीमत भी छह साल के उच्चतम स्तर के करीब पहुंच गई। अगर मध्य पूर्व में हालात बिगड़ता है तो सोने की कीमतों में आगे भी तेजी दिख सकती है। 

रुपया पर भी पड़ेगा असर

वैश्विक बजार में तनाव से रुपया भी टूटेगा जिससे खाद्य तेल और अन्य सामानों के आयात महंगे होंगे। विदेश में घूमना-पढ़ना महंगा होगा। शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया  44 पैसे यानी 0.66 फीसदी गिरकर 71.80 डॉलर के स्तर पर बंद हुआ। विदेशी से आयतित होने वाली तमाम वस्तुओं की कीमतें बढ़ेंगी। खाद्य तेल, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक सामान के लिए अधिक कीमत चुकानी होगी। गिरावट आने से देश के साथ विदेशी निवेशकों को बड़ा नुकसान उठाना होगा। शेयर बाजार अर्थव्यवस्था में तेजी का संकेत देता है। अगर बाजार में गिरावट आएगी तो निवेशकों को भरोसा टूटेगा।

क्रूड ऑयल की कीमतों में इजाफा

क्रूड ऑयल की कीमतों में अगर तेजी जारी रहती है तो भारत का आयात बिल बढ़ेगा जो चालू खाते के घाटे को बढ़ाने का काम करेगा। सरकार ने इस वित्त वर्ष राजकोषीय घाटे के लिए 3.3 फीसदी (जीडीपी का) का लक्ष्य तय किया है। शुक्रवार तड़के बगदाद में अपने कमांडर कासिल सुलेमानी की मौत के बाद ईरान ने जबर्दस्त बदला लेने की बात कही है। इससे कच्चे तेल के वैश्विक बाजार में खलबली मचने का डर है। शुक्रवार को ब्रेंट क्रूड की कीमत 69.16 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई। यह सितंबर में सऊदी अरब की रिफाइनरी पर हमलों के बाद क्रूड की सबसे ऊंची कीमत है।

कच्चे तेल की कीमतों पर सरकार की नजर 

ऊर्जा विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा ने बताया कि भारत अपनी जरूरत का 75 प्रतिशत कच्चा तेल सऊदी देशों से आयात करता है। यह भारत जैसे देश के लिए बड़ी चिंता की बात है। अगर, ईरान जवाबी कार्रवाई करता है तो कच्चे तेल में भारी उछाल आने की पूरी संभावना है। फिलहाल भारत स्थिति पर करीबी नजर रख रहा है।

(फाइल फोटो)

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