Corona से जूझ रहे देशों को एक हजार अरब डॉलर की मदद देने की तैयारी में IMF

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण सदस्य देश मदद की भारी मांग कर रहे हैं आईएमएफ मदद की मांग को पूरा करने के लिये एक हजार अरब डॉलर की पूरी क्षमता के कर्ज वितरित करने के लिये प्रतिबद्ध है

Asianet News Hindi | Published : Apr 16, 2020 7:11 AM IST / Updated: Apr 16 2020, 12:53 PM IST

बिजनेस डेस्क: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण सदस्य देश मदद की भारी मांग कर रहे हैं। अप्रत्याशित तरीके से 189 सदस्य देशों में से 102 देश अब तक मदद की मांग कर चुके हैं। 

उन्होंने विश्वबैंक के साथ सालाना ग्रीष्मकालीन बैठक की शुरुआत पर एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आईएमएफ मदद की मांग को पूरा करने के लिये एक हजार अरब डॉलर की पूरी क्षमता के कर्ज वितरित करने के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक ऐसा संकट है जो पहले कभी नहीं देखा गया।’’ 

1930 की आर्थिक मंदी के बाद के सबसे बड़ा संकट

जॉर्जीवा ने फिर से दोहराया कि इस महामारी के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था 1930 दशक की महान आर्थिक मंदी के बाद के सबसे बड़े संकट से गुजर रही है। आईएमएफ प्रमुख और विश्वबैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास दोनों ने जी20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गर्वनरों द्वारा गरीब देशों के लिये कर्ज की किस्तों की देनदारी निलंबित करने के निर्णय की सराहना की। 

अर्थव्यवस्था में तीन प्रतिशत की गिरावट

आईएमएफ के नये आकलन के अनुसार, इस महामारी के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में तीन प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान 2009 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में 0.1 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। जॉर्जीवा ने कहा कि आईएमएफ पहले ही आपातकालीन मदद कार्यक्रमों को 50 करोड़ डॉलर से बढ़ा कर 100 करोड़ डॉलर कर चुका है। 

अर्थव्यवस्थाएं इस संकट से उबरना शुरू करें

उन्होंने कहा कि आईएमएफ इसके साथ ही इस बात की भी तैयारी कर रहा है कि जैसे ही अर्थव्यवस्थाएं इस संकट से उबरना शुरू करें, उनकी गतिविधियां पुन: शुरू की जा सकें। उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस बारे में भी सोचने की जरूरत है कि इस संकट के दूसरे छोर पर हमें किन संकटों का सामना करना पड़ सकता है।’’ 

भारत के फैसले की सरहाना की 

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने बुधवार को कहा कि वह कोरोना वायरस से निपटने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लगाने के भारत के समय रहते लिए गए फैसले का समर्थन करता है। इससे एक दिन पहले आईएमएफ ने अपने वर्ल्ड इकोनोमिक आउटलुक में 2020 में भारत की विकास दर 1.9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। 

आईएमएफ के एशिया और प्रशांत विभाग के निदेशक चांग योंग री ने यहां संवाददाता सम्मेलन के दौरान पत्रकारों से कहा, ‘‘आर्थिक मंदी के बावजूद सरकार ने देशव्यापी बंद लागू किया और हम भारत के समय रहते लिए गए फैसले का समर्थन करते हैं।’’ भारत में 25 मार्च को तीन हफ्ते का बंद लागू किया गया था जो 14 अप्रैल को समाप्त होना था। बाद में बंद को तीन मई तक बढ़ा दिया गया।

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