इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आईटीआर दाखिल करने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब इसके दायरे में कई लोग आ गए हैं। बुजुर्ग भी इसके दायरे में हैं। अब जितनी आय उस मुताबिक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा। उसका स्लैब भी बना हुआ है।
नई दिल्लीः इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आईटीआर (ITR) दाखिल करने के नियमों में बदलाव किया है। अब काफी संख्या में लोग इस दायरे में आ गए हैं। यूं कहें कि आयकर विभाग ने ऐसे लोगों को भी टैक्स की श्रेणी में शामिल किया है, जिनकी टैक्सेबल इनकम नहीं है। अब उन्हें भी आयकर विभाग (Income Tax Department) की नई नियम के अनुसार टैक्स पे करना होगा। उनके लिए इस बार से रिटर्न दाखिल करना जरूरी हो गया है।
आयकर रिटर्न दाखिल करना हुआ जरूरी
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के मुताबिक व्यक्तियों (Individuals), पेशेवरों (Professionals) को आयकर रिटर्न दाखिल करना जरूरी होगा। अब चाहे उनकी आय कर योग्य सीमा (income taxable limit) में आती हो या नहीं। फिलहाल, आयकर छूट की सीमा 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों के लिए 2.5 लाख रुपये, 60 से 80 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों के लिए 3 लाख रुपये, 80 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए 5 लाख रुपये है। लेकिन अब नियम बदले हैं। इसके मुताबिक अब ऐसे कारोबारी, जिनकी बिक्री का कुल पेशा 60 लाख रुपये से ऊपर है या पेशे से होने वाली आय 10 लाख रुपये से अधिक है, उन्हें भी अनिवार्य रूप से रिटर्न दाखिल करना होगा।
इनकम के अनुसार टैक्स
अब ऐसे में यह भी समझें कि अगर 60 साल से कम उम्र के व्यक्ति ने एक साल में टीडीएस या टीसीएस के रूप में 25,000 रुपये की कटौती की है, तो उसे भी रिटर्न दाखिल करना होगा। वहीं अगर यह कटौती 60 साल की उम्र पर 50 हजार रुपये या इससे ज्यादा है तो उसे भी रिटर्न दाखिल करना होगा। अब तक वरिष्ठ नागरिकों को केवल तभी रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता होती थी, जब उनकी कोई व्यावसायिक आय हो। अब उनके पूरे इनकम के अनुसार टैक्स लगेगा। आपके अकाउंट में अगर एक साल में 50 लाख रुपए से अधिक जमा हो चुके हैं, तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना पड़ेगा। जानकारों का मानना है कि इस नए नियम से कई लोग रिटर्न के दायरे में आ गए हैं।
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