मार्च में महंगाई बढ़कर करीब 7 फीसदी पर पहुंची, फूड इंफ्लेशनल 7.68 फीसदी पर पहुंची

सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) द्वारा मापी गई मुद्रास्फीति फरवरी के महीने में 6.07 फीसदी थी। फरवरी में 5.85 फीसदी की तुलना में समीक्षाधीन महीने में फूड इंफ्लेशन बढ़कर 7.68 फीसदी हो गई।

बिजनेस डेस्क। मंगलवार को सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च में भारत की रिटेल महंगाई बढ़कर 6.95 फीसदी हो गई, जो लगातार फूड प्राइस में इजाफे का संकेत है। सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) द्वारा मापी गई मुद्रास्फीति फरवरी के महीने में 6.07 फीसदी थी। फरवरी में 5.85 फीसदी की तुलना में समीक्षाधीन महीने में फूड इंफ्लेशन बढ़कर 7.68 फीसदी हो गई। रिटेल इंफ्लेशन के आंकड़ों को लेकर निवेशक चिंतित होंगे, जो लगातार तीसरे महीने रिजर्व बैंक के ऊपरी टॉलरेंस बैंड से काफी ऊपर आ गया है।

फूड इंफ्लेशन में इस वजह से हुआ इजाफा
फूड प्राइस, जो इंफ्लेशन बास्केट का लगभग आधा हिस्सा है, रूस-यूक्रेन युद्ध से संबंधित सप्लाई चेन की समस्याओं के कारण ग्लोबल ग्रेन प्रोडक्शन, एडिबल ऑयल की सप्लाई और फर्टिलाइजर इंपोर्ट को बाधित करने के कारण ऊंचा बना रहा। दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले वनस्पति तेल, पाम तेल की कीमतों में इस साल लगभग 50 फीसदी का इजाफा हुआ है। फूड प्राइस में वृद्धि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लाखों लोगों द्वारा तेजी से महसूस की जा रही है, जो पहले से ही महामारी के कारण नौकरियों और आय पर प्रभाव डाल चुके हैं।

Latest Videos

यह भी पढ़ेंः- रूस-युक्रेन संघर्ष के बीच कच्चे तेल की कीमतों में तेजी जारी, भारत के लिए अच्‍छे नहीं है संकेत

आरबीआई ने गियर बदलने के दिए संकेत
आरबीआई ने शुक्रवार को यह कहकर बाजारों को चौंका दिया कि वह अब दो साल से अधिक समय के बाद आर्थिक विकास को समर्थन देने, गियर बदलने पर महंगाई से निपटने को प्राथमिकता देता है। गवर्नर शक्तिकांत दास और उनके सहयोगियों ने संकेत दिया कि वे लेंडर्स से अतिरिक्त नकदी को सोखने के लिए एक नई 3.75 फीसदी स्थाई जमा सुविधा दर की शुरुआत करते हुए, समायोजन नीतियों को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

यह भी पढ़ेंः- खुदरा महंगाई दर जनवरी में बढ़कर 6.01% हुई, देखें RBI का क्या था अनुमान

आईआईपी 1.7 फीसदी बढ़ा
इस बीच, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक यानी आईआईपी फरवरी में 1.7 फीसदी बढ़ा है, जबकि जनवरी में यह 1.3 फीसदी था। पिछले साल दिसंबर में आईआईपी ग्रोथ 10 महीने के निचले स्तर 0.4 फीसदी पर आ गई थी। जनवरी में 2.8 फीसदी की वृद्धि की तुलना में फरवरी महीने के दौरान खनन उत्पादन वृद्धि भी 4.5 फीसदी तक बढ़ गई, जबकि विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि पिछले महीने में 1.1 फीसदी की वृद्धि के मुकाबले मामूली रूप से 0.8 फीसदी हो गई। इस बीच, बिजली उत्पादन की वृद्धि भी फरवरी में धीमी हो गई, जनवरी में 4.5त्न बनाम 0.9 फीसदी बढ़ गई।

Share this article
click me!

Latest Videos

'मणिपुर को तबाह करने में मोदी साझेदार' कांग्रेस ने पूछा क्यों फूल रहे पीएम और अमित शाह के हाथ-पांव?
Rescue Video: आफत में फंसे भालू के लिए देवदूत बने जवान, दिल को छू जाएगा यह वीडियो
Sanjay Singh: 'डूब गए देश के लोगों के लगभग साढ़े 5 लाख करोड़ रुपए' #Shorts
कानूनी प्रक्रिया: अमेरिकी न्याय विभाग से गिरफ्तारी का वारंट, अब अडानी केस में आगे क्या होगा?
Maharashtra Election: CM पद के लिए कई दावेदार, कौन बनेगा महामुकाबले के बाद 'मुख्य' किरदार