ज्यादातर लोग अपनी पसंदीदा कार, लोन पर लेते हैं। लेकिन थोड़ी सी चूक नुकसान पहुंचा सकती है और जरा सी जानकारी हजारों का फायदा करा सकती है। मोटे तौर पर माना जा सकता है कि लंबे समय का लोन भारी पड़ता है, जबकि कम समय का लोन फायदेमंद साबित होगा।
नई दिल्लीः बैंक से कार लोन लेना चाहते हैं तो कोशिश करें कि कम समय का ही लोन (Purchase car on loan) कराएं, क्योंकि जैसे-जैसे लोन का समय बढ़ता है तो ब्याज की वजह से ईएमआई भी बढ़ जाती है। हालांकि लोन लेते समय बहुत कम ही लोग हैं जो इस तथ्य पर ध्यान देते हैं। लिहाजा वे लंबी अवधि का लोन लेते हैं ताकि आसानी से किस्त चुका सकें। लेकिन जब आप कैलकुलेशन करेंगे तो लंबी अवधि का लोन महंगा पड़ जाएगा।
कैसे बढ़ती है रकम
आमतौर पर कार लोन अधिकतम 8 साल के लिए लिया जा सकता है। इसके अलावा 3 साल व 5 वर्ष का भी विकल्प रहता है। एक्सपर्ट बताते हैं कि यदि आप पांच लाख रुपये का लोन 8 फीसदी की ब्याज दर पर 3 साल के लिए लेते हैं
तो आपको कुल 64 हजार रुपये ब्याज देना पड़ेगा। जबकि 5 वर्ष के लिए लोन पर 1 लाख 8 हजार और 8 वर्ष के लिए लोन लिया है तो ब्याज की यह रकम 1 लाख 78 हजार तक पहुंच जाएगी।
गाड़ी बेचने में भी दिक्कत
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि यदि आपने 8 साल के लिए लोन लिया है और अपनी गाड़ी को पांच साल में ही बेचना चाहते हैं तो आपको पूरे 8 वर्ष की किस्तें जमा करनी होंगी। यदि तीन साल में ही गाड़ी बेचना चाहते हैं तो भी पूरा लोन चुकता
करना होगा, क्योंकि बिना लोन चुकता किये आप गाड़ी को ट्रांसफर नहीं कर सकते।
किस बैंक का कितना ब्याज
ज्यादातर बैंक गाड़ी की कीमत का 85 प्रतिशत तक लोन देते हैं। बैंकों की ब्याज दरें भी अलग-अलग होती हैं। जैसे कि यूनियन बैंक 7.5 प्रतिशत की दर पर लोन देता है तो इंडसइंड बैंक 7 प्रतिशत की दर पर लोन दे रहा है। वहीं एसबीआई
7.25 फीसदी और पीएनबी 7.05 प्रतिशत की दर पर लोन देते हैं। एक्सिस बैंक की दर 7.45 प्रतिशत और आईसीआईसीआई बैंक 7.50 प्रतिशत की दर पर कार लोन देता है।