खुशखबरी! Post Office ने दी PPF और SSY के खाताधारकों को बड़ी राहत, 30 जून तक बढ़ाई डिपॉजिट डेडलाइन

देश में कोरोना के चलते लॉकडाउन है ऐसे में कई सारे जरूरी कम रुके हुए हैं इन्ही बत्तों का ध्यान रख कर सरकार ने LIC खाताधारकों मार्च और अप्रैल के प्रीमियम भुगतान के लिए पॉलिसीधारकों को 30 दिन का अतिरिक्त समय देने की घोषणा की थी

Asianet News Hindi | Published : Apr 12, 2020 7:31 AM IST / Updated: Apr 12 2020, 01:03 PM IST

बिजनेस डेस्क: देश में कोरोना के चलते लॉकडाउन है ऐसे में कई सारे जरूरी कम रुके हुए हैं। इन्ही बत्तों का ध्यान रख कर सरकार ने LIC खाताधारकों मार्च और अप्रैल के प्रीमियम भुगतान के लिए पॉलिसीधारकों को 30 दिन का अतिरिक्त समय देने की घोषणा की थी। लेकिन अब सरकार ने उन लोगों को राहत दी है जो लॉकडाउन के चलते  PPF और सुकन्या समृद्धि अकाउंट में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए मिनिमम डिपॉजिट नहीं कर पाए हैं, वे अब 30 जून 2020 तक ऐसा कर सकते हैं।

वित्त मंत्रालय ने ट्वीट में कहा, ‘कोरोना वायरस के संक्रमण पर रोकथाम के लिये देश में लागू लॉकडाउन को देखते हुए छोटी बचत करने वाले जमाकर्ताओं को राहत पहुंचाने के लिए पीपीएफ, आरडी तथा सुकन्या समृद्धि खाताधारकों के नियमों में ढील देते हुए डिपॉजिट डेडलाइन को बढ़ाया गया है।’ बढ़ी हुई समयावधि में पैसा जमा करने पर जमाकर्ताओं को किसी तरह की लेट फीस नहीं देनी होगी।

किस योजना में कितना मिनिमम जमा

पीपीएफ स्‍कीम में मिनिमम 500 रुपये सालाना जमा करना अनिवार्य है। इस स्कीम में अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किया जा सकता है। वहीं रिकरिंग डिपॉजिट स्कीम में हर महीने कम से कम 100 रुपये जमा करना जरूरी है। अधिकतम की कोई लिमिट नहीं है। वहीं सुकन्या समृद्धि स्कीम में एक फाइनेंशियल ईयर में कम से कम 250 रुपये जमा करना अनिवार्य है। अधिकतम इसमें 1.5 लाख रुपये जमा हो सकते हैं।

कितनी है पेनल्टी

पीपीएफ स्‍कीम में मिनिमम अमाउंट जमा न करने पर 50 रुपये की पेनल्‍टी देकर फिर अकाउंट को शुरू किया जा सकता है। रेकरिंग डिपॉजिट पर किस्‍त न जमा कर पाने पर हर 100 रुपये पर 1 रुपये की डिफॉल्‍ट फीस है। सुकन्या समृद्धि स्कीम में यह पेनल्टी 50 रुपये है।

ये ले सकते हैं लाभ

डाक जीवन बीमा की सुविधा सरकारी और अर्द्ध सरकारी कर्मचारियों को उपलब्ध है। इसे अक्टूबर 2017 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों के कर्मचारियों और पेशेवरों को भी उपलब्ध कराया गया है। 

 ढाई करोड़ सक्रिय उपभोक्ता

जबकि ग्रामीण डाक जीवन बीमा का मकसद ग्रामीण इलाकों में रहने वाले आम लोगों, कमजोर वर्गों और महिला कामगारों को बीमा सुरक्षा उपलब्ध कराना है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार मार्च में डाक जीवन बीमा के 64.62 लाख और ढाई करोड़ सक्रिय उपभोक्ता थे।

(फाइल फोटो)
 

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