मिस्त्री फिर बने टाटा ग्रुप के चेयरमैन, 2016 में छीना गया था पद

टाटा समूह से लड़ाई में साइरस मिस्त्री को बुधवार को बड़ी जीत मिली। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने मिस्त्री को टाटा संस का कार्यकारी चेयरमैन बहाल करने का आदेश दिया। 

 

 

नई दिल्ली. टाटा समूह से लड़ाई में साइरस मिस्त्री को बुधवार को बड़ी जीत मिली। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने मिस्त्री को टाटा संस का कार्यकारी चेयरमैन बहाल करने का आदेश दिया। साथ ही न्यायाधिकरण ने मिस्त्री की जगह कार्यकारी चेयरमैन पद पर एन चंद्रशेखरन की नियुक्ति को अवैध ठहराया है। न्यायाधीश एस. जे. मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि बहाली आदेश चार सप्ताह बाद प्रभावी होगा। निर्णय के अनुसार टाटा संस इस अवधि में चाहे तो निर्णय के विरुद्ध अपील कर सकती है।

इस वाद में निचली अदालत के आदेश को खारिज करते हुए अपीलीय न्यायाधिकरण ने टाटा संस को पब्लिक फर्म से बदल कर प्राइवेट फर्म बनाने की कार्रवाई को भी रद्द कर दिया है। धनाढ़्य शापूरजी पलोनजी परिवार से संबंध रखने वाले मिस्त्री को अक्टूबर 2016 में टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था। वह टाटा संस के छठे चेयरमैन रहे। मिस्त्री ने रतन टाटा के पद से हटने के बाद 2012 में कमान संभाली थी। बाद में समूह के अंदर विवाद उठने पर उन्हें टाटा संस के निदेशक मंडल से भी निकाल दिया गया।

Latest Videos

टाटा संस में मिस्त्री के परिवार की हिस्सेदारी 18.4 प्रतिशत है। मिस्त्री ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में उन्हें पद से हटाये जाने को चुनौती दी। मिस्त्री के परिवार की कंपनी साइरस इन्वेस्टमेंटस एंड स्टर्लिंग इनवेस्टमेंट्स ने टाटा संस और रतन टाटा समेत 20 अन्य के खिलाफ उत्पीड़न और कुप्रबंधन का मामला दर्ज कराया। हालांकि, मामले को एनसीएलटी ने मार्च 2017 में खारिज कर दिया था और कहा था कि वह इस तरह का मामला दायर कराने के पात्र नहीं है।

उल्लेखनीय है कि कंपनी कानून, 2013 की धारा 244 कंपनी के किसी शेयरधारक को कंपनी के खिलाफ उत्पीड़न और कुप्रबंधन का मामला दर्ज कराने की अनुमति देता है। लेकिन इसके लिये जरूरी है कि कंपनी के निर्गमित शेयरों का कम से कम 10 प्रतिशत हिस्सा उसके पास होना चाहिए।

एनसीएलटी के उक्त निर्णय के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण में जाने पर साइरस मिस्त्री के पक्ष को आंशिक जीत मिली थी। एनसीएलएटी ने 10 प्रतिशत शेयरधारिता की शर्त को हटा दिया लेकिन मामले को फिर विचार के लिए एनसीएलटी में भेज दिया था।

पिछले साल जुलाई में एनसीएलटी ने मिस्त्री को पद पर बहाल किए जाने की याचिका खारिज कर दी और कुप्रबंधन तथा अल्पांश हिस्सेदारों के उत्पीड़न के आरोपों को भी खारिज कर दिया था। उसके बाद मिस्त्री ने मुंबई एनसीएलटी के निर्णय के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील की। अपीलीय न्यायाधिकरण ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद इस साल जुलाई में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
 

Share this article
click me!

Latest Videos

The Order of Mubarak al Kabeer: कुवैत में बजा भारत का डंका, PM मोदी को मिला सबसे बड़ा सम्मान #Shorts
43 साल बाद कुवैत पहुंचे भारतीय पीएम, जमकर लगे मोदी-मोदी के नारे
कौन है 12 साल की सुशीला, सचिन तेंदुलकर ने बताया भविष्य का जहीर खान, मंत्री भी कर रहे सलाम
20वां अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड, कुवैत में 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित हुए पीएम मोदी
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में तैयार हो रही डोम सिटी की पहली झलक आई सामने #Shorts