"हमारी सरकार ने खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के रूप में शामिल करने का एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। इससे हमारे करोड़ों व्यापारियों को वित्तीय सहित विभिन्न लाभ मिलने में मदद होगी। उनके व्यवसाय को भी बढ़ावा दिया जा सकेगा।"
नई दिल्ली. मोदी सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) की परिभाषा में बदलाव किया है। एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि सरकार अब खुदरा और थोक व्यापारियों को एमएसएमई का दर्जा देगी। इस फैसले से देश के 2.5 करोड़ खुदरा और थोक व्यापारियों को फायदा होगा। उन्हें इस सेक्टर को मिलने वाला हर लाभ मिलेगा।
पीएम मोदी ने किया ट्वीट
"हमारी सरकार ने खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के रूप में शामिल करने का एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। इससे हमारे करोड़ों व्यापारियों को वित्तीय सहित विभिन्न लाभ मिलने में मदद होगी। उनके व्यवसाय को भी बढ़ावा दिया जा सकेगा।"
गडकरी ने भी किया ट्वीट
एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर इस फैसले की तारीफ की। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, हम एमएसएमई को मजबूत करने और उन्हें आर्थिक विकास के लिए इंजन बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। संशोधित दिशानिर्देशों से 2.5 करोड़ खुदरा और थोक व्यापारियों को लाभ होगा।"
इस कदम का मतलब?
सरकार के इस कदम से 250 करोड़ रुपए तक के कारोबार वाले छोटे खुदरा विक्रेताओं और थोक विक्रेताओं को तत्काल इसका लाभ मिलेगा। खुदरा और व्यापार संघों ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे व्यापारियों को जरूरी पूंजी मिलने में मदद मिलेगी। यानी पिछले एक साल में एमएसएमई क्षेत्र के लिए घोषित किए गए लाभ खुदरा और थोक व्यापारियों को भी मिलेंगे।
पहले क्या नियम था?
पहले खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के रूप में बांटा गया था। हालांकि, 2017 में सूक्ष्म और लघु उद्यम क्षेत्र से ऐसी गतिविधियों को हटा दिया गया था। इसका औचित्य यह था कि वे न तो निर्माण इकाइयां हैं और न ही सेवा इकाइयां। इसने उन्हें एमएसएमई रजिस्ट्रेशन कराने से रोका गया। लेकिन संशोधित दिशा-निर्देशों के साथ अब खुदरा और थोक व्यापारियों को उद्यम पंजीकरण पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने की अनुमति होगी।