
क्रिसमस पर हर कोई सांता क्लॉज का बेसब्री से इंतजार करता है। लोग यह जानने के लिए उत्सुक रहते हैं कि इस बार उन्हें क्या तोहफा मिलेगा। इसी बीच, अमेरिका के लुइसियाना के एक बिजनेसमैन का दिल छू लेने वाला काम वायरल हो गया है, जिसने उन्हें सोशल मीडिया पर "रियल लाइफ सांता" का खिताब दिलाया है। ग्राहम वॉकर, फाइबरबॉन्ड नाम की एक कंपनी के सीईओ थे। 46 साल के वॉकर ने अपने 540 कर्मचारियों को करीब 2,155 करोड़ रुपये (240 मिलियन डॉलर) का बोनस दिया। यह कंपनी बिजली के उपकरण बनाती थी। उनका बिजनेस इतना अच्छा चल रहा था कि ईडन कॉर्पोरेशन नाम की एक कंपनी ने फाइबरबॉन्ड को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई। इसके बाद, कंपनी को करीब 15,265 करोड़ रुपये (1.7 बिलियन डॉलर) में बेच दिया गया। ग्राहम ने मुनाफे का एक हिस्सा अपने कर्मचारियों में बोनस के तौर पर बांट दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी की कुल बिक्री से हुई कमाई का 15%, यानी करीब 240 मिलियन डॉलर (लगभग ₹2,157 करोड़), 540 कर्मचारियों में बांटा गया। इसका मतलब है कि हर कर्मचारी को औसतन 443,000 डॉलर (करीब ₹3.7 करोड़) का बोनस मिला। पिछले जून में उन्होंने अपनी कंपनी की बिक्री से मिले पैसे कर्मचारियों में बांटे। कई कर्मचारियों को तो यकीन ही नहीं हुआ कि उन्हें बोनस मिला है। जब पहली बार इसका ऐलान हुआ, तो उन्हें लगा कि यह कोई मजाक है। लेकिन जब बोनस की रकम उनके अकाउंट में आई, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
ग्राहम वॉकर ने बताया कि यह फैसला कर्मचारियों की ईमानदारी से प्रेरित था। उन्होंने कहा कि मुश्किल समय में भी कई कर्मचारी कंपनी के साथ खड़े रहे, इसलिए वह उनकी वफादारी का सम्मान करना चाहते थे। जब जून में बोनस देना शुरू किया गया, तो शुरू में कई कर्मचारियों को यकीन नहीं हुआ। कुछ ने तो इसे मजाक समझा, जबकि कुछ इमोशनल होकर रो पड़े।
कई कर्मचारियों ने इस पैसे का इस्तेमाल अपने सपनों को पूरा करने के लिए किया। कुछ ने होम लोन चुकाया, कुछ ने अपने कर्ज खत्म किए और कुछ ने अपने बच्चों की कॉलेज की फीस भरी। 1995 से इस कंपनी में काम कर रही एक महिला कर्मचारी ने इस पैसे से अपनी दुकान खोलने का सपना पूरा किया। वहीं, कई और लोगों ने भी इस पैसे का इस्तेमाल अपनी दूसरी जरूरी जरूरतों को पूरा करने के लिए किया।
आमतौर पर जब कोई कंपनी बेची जाती है, तो शेयरधारकों को बोनस मिलता है। लेकिन यहां कर्मचारियों को यह फायदा तब भी मिला, जब उनके पास कंपनी के शेयर नहीं थे। इसीलिए इस कदम को "सच्ची लीडरशिप" और "इंसानियत पर भरोसा" के तौर पर देखा जा रहा है। 1982 में, वॉकर के पिता क्लाउड वॉकर और 11 अन्य लोगों ने फाइबरबॉन्ड कंपनी शुरू की थी। 1998 में, फैक्ट्री में एक बड़ा हादसा हुआ। उन्होंने डॉट-कॉम संकट सहित कई चुनौतियों का सामना किया। वॉकर ने उन लोगों को बोनस दिया जो इन मुश्किल समय में भी उनके साथ खड़े रहे।