
Ex SEBI Chief FIR case: बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए पूर्व सेबी (SEBI) चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) और पांच अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करने के विशेष अदालत के आदेश पर रोक लगा दी है। यह मामला 1994 के एक IPO Fraud से जुड़ा है।
2 मार्च 2025 को मुंबई की स्पेशल एसीबी कोर्ट (Special ACB Court) ने पूर्व SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और पांच अन्य पर वित्तीय घोटाले (Financial Fraud), रेगुलेटरी उल्लंघन और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर FIR दर्ज करने का आदेश दिया था। आरोपों के अनुसार, Cals Refineries Ltd नाम की कंपनी की संदिग्ध तरीके से स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) पर लिस्टिंग कराई गई थी जिसमें रेगुलेटरीज अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप था।
SEBI ने अपने पूर्व चीफ माधबी पुरी बुच के खिलाफ एफआईआर के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनौती दी। सेबी ने आदेश को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए यह तर्क दिया गया कि जिन अधिकारियों पर आरोप लगाए गए हैं, वे 1994 में अपने पदों पर नहीं थे। हाईकोर्ट ने FIR दर्ज करने पर रोक लगाते हुए कहा कि विशेष अदालत ने बिना गहराई से जांच किए 'मैकेनिकल' तरीके से आदेश पारित किया।
SEBI ने अदालत में यह भी दलील दी कि आवेदनकर्ता एक "फ्रिवोलस और आदतन" (Frivolous and Habitual) याचिकाकर्ता है जिसकी पहले भी कई याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं जिनमें से कुछ पर अदालत ने जुर्माना भी लगाया था। SEBI और BSE दोनों ने स्पष्ट किया कि यह कथित घोटाला 1994 का है, जब मौजूदा आरोपी अधिकारी सेबी (SEBI) या BSE का हिस्सा भी नहीं थे। हाईकोर्ट ने सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करते हुए मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद तय की है।
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