
Business Ideas: स्टेशनरी प्रोडक्ट्स की डिमांड कभी कम नहीं होती है। चाहे स्कूल हो, कॉलेज हो, ऑफिस हो या घर, बॉल पेन हर जगह इस्तेमाल होता है। यही वजह है कि बॉल पेन रिफिल मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस (Ball Pen Refill Manufacturing Business) छोटे लेवल पर भी प्रॉफिटेबल बिजनेस बन सकता है। खास बात यह है कि इस बिजनेस में कम कॉस्ट, आसान प्रोडक्शन प्रॉसेस और लगातार बढ़ती मांग आपको हर साल लाखों का मुनाफा दिला सकती है। आइए जानते हैं इस बिजनेस को कैसे शुरू कर सकते हैं और इसमें कमाई कितनी हो सकती है...
रॉ मटेरियल: 1 लाख रुपए
इक्विपमेंट (पंचिंग मशीन, इंक फिलिंग मशीन, सेंट्रीफ्यूजिंग मशीन, हॉट स्टैम्पिंग मशीन): 50,000 रुपए
वर्किंग कैपिटल: करीब 1.5 लाख रुपए
कुल प्रोजेक्ट खर्च: खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) की प्रोजेक्ट प्रोफाइल के अनुसार, बॉल पेन रिफिल यूनिट शुरू करने के लिए कुल लागत ₹2,24,071 आती है।
अनुमानित सालाना प्रोडक्शन कैपसिटी: करीब 2.5 करोड़ रिफिल
प्रोजेक्टेड सेल्स: 4.3 लाख लाख (Per Cycle)
कॉस्ट ऑफ प्रोडक्शन: करीब 3.2 लाख रुपए
नेट प्रॉफिट: 26,000 से लेकर 36,000 रुपए प्रति साइकिल (कैपसिटी और सेल्स पर निर्भर)
सालाना नेट प्रॉफिट: 2.5-3.0 लाख रुपए (प्रोडक्शन बढ़ा तो कमाई और भी ज्यादा बढ़ सकती है, कई बार तो करोड़ों तक में भी पहुंच सकती है।)
मजदूरी (Skilled & Unskilled): 6,000 रुपए
एडमिन खर्च: 7,000 रुपए
ओवरहेड: 15,000 रुपए
इंश्योरेंस: 1,500 रुपए
डिप्रिसिएशन: 5,000 रुपए
ब्याज (लोन पर): 29,129 रुपए
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है। इसमें दी गई वित्तीय और बिजनेस की जानकारी kviconline.gov.in से ली गई है। इस बिजनेस में संभावित मुनाफा और रिस्क अलग-अलग मार्केट, लोकेशन, स्केल और प्रोडक्ट क्वालिटी पर निर्भर करता है। निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर या बिजनेस कंसल्टेंट से सलाह जरूर लें।
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