यदि आप इनकम टैक्स रिटर्न भर रहे हैं तो इस बात को अच्छी तरीके से जान लें कि किसी भी तरह का फर्जी क्लेम आपको महंगा पड़ सकता है। इसलिए आईटीआर भरते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें।
ITR Filing. आयकर रिटर्न भरत समय हर व्यक्ति को अपने क्लेम के अनुसार सही रसीदें और डाक्यूमेंट देने होते हैं। ऐसे में यह भी देखा जाता है कि कई बार लोग फर्जी डाक्यूमेंट्स का सहारा लेते हैं। लेकिन अब यह गलती पकड़ ली जाएगी और आपको बड़ा जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसलिए आयकर विभाग ने स्पष्ट दिशा निर्देश दिए हैं कि आईटीआर फाइल करते समय किसी भी तरह के फेक डाक्यूमेंट का सहारा न लें।
फर्जी क्लेम पकड़ में आ जाएगी
इनकम टैक्स विभाग ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जो किसी भी तरह के फर्जी क्लेम को पकड़ लेगा। विभाग हर क्लेम, डिडक्शन के लिए सही प्रूफ की डिमांड करता है। यह डाक्यूमेंट बिलकुल जेनुइन होने चाहिए क्योंकि जांच में यह गलत पाए गए तो आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है। आयकर विभाग का कहना है कि जिन्होंने सही डाक्यूमेंट दिए हैं, उन्हें किसी भी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है लेकिन जो डाक्यूमेंट फर्जी पाएं जाएंगे, उनके क्लेम निरस्त होंगे और उन पर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
आईटीआर के विषय में क्या कहते हैं विशेषज्ञ
एक बिजनेस कंसल्टिंग ग्रुप के अधिकारी की मानें तो हायर एचआरए क्लेम करने के लिए फेक रेंट डाक्यूमेंट का प्रयोग करना अब इनकम टैक्स एक्ट 1961 का उल्लंघन माना जाएगा। यदि ऐसा पाया जाता है कि जुर्माना भी लगाया जा सकता है। हाल ही में यह देखने में आया है कि जिन्होंने पिछले साल का आईटीआर भरा है और क्लेम के लिए दावा किया है, उन्हें ओरिजनल प्रूफ के लिए विभाग की तरफ से नोटिस भेजे जा रहे हैं। अब इस पर पेनाल्टी भी लगाई जाएगी।
आयकर विभाग ने किया सचेत
फेक मैसेजेस को लेकर भी इनकम टैक्स विभाग ने अलर्ट किया है। विभाग कभी मैसेज नहीं भेजता लेकिन अगर आपके पास इनकम टैक्स का कोई मैसेज या लिंक आई है, जिसमें अकाउंट डिटेल्स या पर्सनल जानकारी अपडेट करने के लिए कहा गया है तो इसकी शिकायत इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में करें। इसके लिए आप चाहें तो इन टोल-फ्री नंबरों पर भी शिकायत कर सकते हैं।
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