सोना महंगा, लेकिन ये 7 टिप्स अपनाकर इस दिवाली बचा सकते हैं लाखों!

Published : Oct 09, 2025, 05:45 PM IST

Diwali Gold Buying Tips: इस साल दिवाली से पहले सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं। 9 अक्टूबर को 24 कैरेट गोल्ड की कीमत ₹1,24,300 रुपए है, जो साल की शुरुआत से 47% से ज्यादा है। अगर आप भी सोना खरीदने जा रहे हैं तो 7 स्मार्ट टिप्स जरूर अपनाएं… 

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सिटीवाइज गोल्ड रेट समझें

सोने की कीमतें पूरे देश में समान नहीं होती। ट्रांसपोर्टेशन, टैक्स और लोकल डिमांड जैसी वजहों से रेट्स में फर्क होता है। अपने शहर में सही रेट जानने का सबसे भरोसेमंद तरीका है IBJA (India Bullion and Jewellers Association) या किसी वित्तीय प्लेटफॉर्म पर रोजाना अपडेटेड प्राइस चेक करना। सुबह और शाम दोनों समय रेट्स अपडेट होते हैं, इसलिए समय देखकर खरीदना फायदेमंद रहता है।

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शुद्धता और हॉलमार्किंग की जांच करें

सोने की शुद्धता की जांच करना जरूरी है, क्योंकि बाजार में नकली गोल्ड का खतरा रहता है। 24K सबसे शुद्ध होता है, लेकिन ज्यूलरी आमतौर पर 14K से 22K तक होती है। हर जेवर पर BIS हॉलमार्क होना अनिवार्य है। उदाहरण के लिए, 22K के लिए '916' अंक होता है। BIS Care मोबाइल ऐप में हॉलमार्क का 6-अंकों वाला अल्फान्यूमेरिक कोड डालकर तुरंत जेवेलर, हॉलमार्क सेंटर, आर्टिकल टाइप और शुद्धता वेरिफाई की जा सकती है।

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एक्स्ट्रा चार्ज और फाइनल कॉस्ट जानें

सोने के रेट के अलावा मेकिंग चार्ज, वेस्टेज चार्ज और स्टोन चार्ज बिल बढ़ा सकते हैं। सरल मशीन-मेड चेन पर आमतौर पर 5–8% मेकिंग चार्ज लगता है, जबकि कठिन हाथ से बनाई गई डिजाइन में यह 20–30% तक हो सकता है। कस्टम डिजाइन में सोने की वेस्टेज शामिल होती है। स्टोन-स्टडेड जेवेलरी में स्टोन का अलग बिलिंग होना चाहिए। हमेशा खरीद से पहले पूरी ब्रेकअप क्लियर करना जरूरी है, ताकि बाद में कोई अप्रत्याशित चार्ज न बढ़ जाए।

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स्कैम से रहें सावधान

दिवाली के दौरान नकली हॉलमार्क और छुपे हुए चार्ज कॉमन हैं। नॉन-हॉलमार्केड जेवेलरी से बचना चाहिए, क्योंकि इसकी शुद्धता भरोसेमंद नहीं होती। छुपे मेकिंग चार्ज और स्टोन के इंफ्लेटेड रेट से बचने के लिए हमेशा भरोसेमंद ज्वेलर से ही खरीदें और बिल लेना न भूलें।

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बाय-बैक पॉलिसी को समझें

सोने की रीसैल वैल्यू जानने के लिए बाय-बैक पॉलिसी समझना जरूरी है। जेवेलर मेकिंग चार्ज काटकर रेट तय करते हैं और यह रेट हमेशा करंट मार्केट प्राइस पर होता है, ना कि खरीद के दिन के रेट पर। पहले से बाय-बैक पॉलिसी जानना निवेश को सुरक्षित बनाता है।

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गोल्ड स्कीम्स और इंस्टॉलमेंट

कई जेवेलर्स इस दिवाली इंस्टॉलमेंट स्कीम्स ऑफर कर रहे हैं। ये योजनाएं आपके बजट में फिट होकर खरीद को आसान बनाती हैं। इसमें मेकिंग चार्ज में छूट, इंस्टॉलमेंट में छूट और कस्टम डिजाइन के विकल्प मिलते हैं। इस तरह आप अपनी खरीद को बेहतर प्लान कर सकते हैं और खर्च को नियंत्रित रख सकते हैं।

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लॉन्ग टर्म और रीसैल वैल्यू का प्लान बनाएं

सोने की सबसे बड़ी खूबी है इसकी रीसैल वैल्यू। नेट गोल्ड कंटेंट और मार्केट रेट रीसैल वैल्यू तय करते हैं। BIS सर्टिफिकेट और बिल रखने से बाय-बैक आसान होता है। स्टोन-स्टडेड ज्वेलरी खरीदते समय वजन और रेट सही से चेक करना जरूरी है, ताकि भविष्य में कोई समस्या न हो। सही डॉक्यूमेंटेशन और रेट का ध्यान रखने से दीवाली में खरीदी गई गोल्ड का भविष्य सुरक्षित रहता है।

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