प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में सुपर टेक के प्रमोटर पर बड़ी कार्रवाई की है।
ED arrested Supertech Promotor: प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में सुपर टेक के प्रमोटर पर बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने इसके प्रमोटर आरके अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया है। सुपरटेक एक रियल एस्टेट ग्रुप है। रियल एस्टेट के खरीदारों द्वारा दर्ज कराए गए एफआईआर पर ईडी ने जांच कर कार्रवाई की है। आरके अरोड़ा पर दिल्ली, यूपी, हरियाणा सहित कई राज्यों में 20 से अधिक एफआईआर दर्ज कराए गए हैं। रियल एस्टेट प्रमोटर पर खरीदारों ने आरोप लगाया है कि विभिन्न रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स के तहत बन रहे फ्लैट्स को बुक कराने के नाम पर एडवांस लिए गए लेकिन न फ्लैट्स पर कब्जा दिया जा रहा है न ही उसके बारे में कोई सही अपडेट ही मिल रहा।
ईडी ने आरके अरोड़ा की गिरफ्तारी की वजह बताई
रियल एस्टेट कारोबारी व सुपरटेक ग्रुप के प्रमोटर आरके अरोड़ा पर आरोप है कि सुपर टेक प्रोजेक्ट्स में काफी लोगों से फ्लैट बुकिंग के नाम पर धन लिए। एडवांस बुकिंग और फ्लैट के लिए पैसे देकर लोग सालों से भटक रहे हैं। लोगों ने धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए सुपरटेक के प्रमोटर और निदेशक पर करोड़ों रुपये के वारे-न्यारे का आरोप लगाया है। ईडी ने बताया कि आरके अरोड़ा ने लोगों से पैसे तो एडवांस में वसूले लेकिन समय से फ्लैट्स पर कब्जा दिलाने में नाकाम रहे, न ही उन्होंने उनके एडवांस ही वापस किए।
ईडी ने आरोप लगाया कि जांच से पता चला कि सुपरटेक लिमिटेड और समूह की कंपनियों ने घर खरीदारों से पैसा इकट्ठा किया। परियोजनाओं/फ्लैटों के लिए बैंकों/वित्तीय संस्थानों से परियोजना-स्पेशिफिक टर्मलोन लिया। लेकिन धन को समूह की अन्य कंपनियों के नाम पर जमीन खरीदने के लिए इस्तेमाल किया गया जिन्हें फिर से धन उधार लेने के लिए कोलेटरल के रूप में गिरवी रखा गया था। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा था कि अप्रैल में मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के तहत सुपरटेक और उसके निदेशकों की 40 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की गई थी।
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