Ambani Bodyguard : रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी भारत ही नहीं दुनिया के सबसे हाई-प्रोफाइल बिजनेस टायकून में से एक हैं। उनकी सुरक्षा काफी ज्यादा हाई-टेक होती है। क्या आप जानते हैं कि अंबानी के बॉडीगार्ड कैसे बन सकते हैं? चलिए जानते हैं...
मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) देश के उन खास और चुनिंदा लोगों में से एक हैं, जिन्हें Z+ सिक्योरिटी मिली है। उनकी सुरक्षा में कमांडो से लेकर CRPF के जवान तैनात है। उनकी सिक्योंरिटी में 10 से ज्यादा NSG कमांडो, मुंबई पुलिस अधिकारी और 58 के करीब सीआरपीएफ जवान लगे रहते हैं। इतना ही नहीं विदेशी हथियारों से लैस कमांडो भी उनकी सुरक्षा करते हैं। जानकारी के अनुसार, इन जवानों के पास जर्मनी में तैयार हेकलर एंड कोच जैसे मशीन गन है। अंबानी के पास बुलेट प्रूफ गाड़ियां हैं।
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क्या अंबानी की सुरक्षा प्राइवेट सिक्योरिटी फोर्स भी करती है
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, मुकेश अंबानी की अपनी प्राइवेट सिक्योरिटी टीम भी है, जो हर वक्त उनके साथ रहती है। इसमें ट्रेंड बॉडीगार्ड्स, बुलेटप्रूफ गाड़ियों के ड्राइवर, टेक्निकल स्टाफ और CCTV मॉनिटरिंग टीम शामिल होती है। इसके अलावा हर मूवमेंट पर नजर रखने वाले AI और Facial Recognition Systems से लैस मॉनिटरिंग रूम भी होता है।
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अंबानी के बॉडीगार्ड्स की सैलरी कितनी है
Z+ सुरक्षा देने वाले कमांडोज़ का सैलरी सरकार देती है, लेकिन उनकी तैनाती का खर्चा करीब 15-25 लाख रुपए प्रति माह आता है, जिसे अंबानी खुद चुकाते हैं। प्राइवेट सिक्योरिटी टीम में शामिल बॉडीगार्ड्स की सैलरी भी कम नहीं है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी सुरक्षा में तैनात कुछ सीनियर सिक्योरिटी ऑफिसर्स की सैलरी लाखों में है। इसके साथ में उन्हें फाइव-स्टार ट्रैवल, स्पेशल ट्रेनिंग और बुलेटप्रूफ गाड़ियों में मूवमेंट करने को मिलता है।
अंबानी के बॉडीगार्ड बनने के लिए कोई आसान रूट नहीं है। ये एक प्रोफेशनल और हाईली ट्रेंड रास्ता होता है। इसमें आर्मी, पैरामिलिट्री या पुलिस में अनुभव होना चाहिए। फिटनेस लेवल टॉप क्लास, हथियार चलाने और हैंड-टू-हैंड कॉम्बैट की ट्रेनिंग, साइबर सिक्योरिटी या टेक स्किल्स और AI Surveillance Systems को चलाने की नॉलेज होनी चाहिए।
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अंबानी के बॉडीगार्ड का सेलेक्शन कैसे होता है
कुछ एक्सपर्ट्स के अनुसार, अंबानी जैसे बिजनेस टायकून के बॉडीगार्ड और सिक्योरिटी टीम में शामिल लोग कॉरपोरेट सिक्योरिटी एजेंसियों से चुने जाते हैं। कुछ मामलों में अंबानी खुद भी इंटरव्यू लेते हैं या ट्रेनिंग प्रोसेस को मॉनिटर करते हैं। लॉयल्टी, डिसिप्लिन और एब्सोल्यूट सीक्रेसी सबसे जरूरी क्वालिटी मानी जाती है। उनकी रेगुलर ट्रेनिंग होती है। फायरिंग, बम डिस्पोजल, एस्केप ड्राइविंग और VVIP मूवमेंट हैंडलिंग की स्किल्स सिखाई जाती हैं।
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अंबानी को इतनी हाई सिक्योरिटी क्यों मिली है
मुकेश अंबानी देश के सबसे अमीर बिजनेसमैन हैं। उन्हें कई बार धमकियां मिल चुकी हैं। साल 2021 में उनके घर एंटीलिया के बाहर एक विस्फोटक कार भी मिली थी। इसके अलावा रिलायंस जैसी कंपनियों का ग्लोबल स्तर पर इम्पैक्ट होने के कारण उनकी सुरक्षा सरकार और खुद कंपनी दोनों की प्रॉयरिटी होती है।