
Israel vs Iran Per Capita Income: इजराइल-ईरान की जंग जारी है। शुक्रवार रात इजराइली सेना ने दूसरी बार ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमले किए। बदले में ईरान ने करीब 150 मिसाइलें दाग दीं। इनमें से 6 मिसाइलें तेल अवीव में गिरीं। इन वॉर में अब तक सैंकड़ों लोगों के मारे जाने की भी खबर है। युद्ध के बीच कई सवाल भी उठ रहे हैं, इन दोनों देशों में असली ताकत किसके पास है? किस देश की GDP अधिक है और कहां के लोग ज्यादा पैसा कमाते हैं? तो आइए, जानते हैं कि इजराइल और ईरान में कहां के लोग ज्यादा अमीर हैं, किस देश के लोग ज्यादा कमाते हैं और किसकी इकोनॉमी ज्यादा मजबूत है?
इजराइल की GDP (Gross Domestic Product) 50 लाख करोड़ रुपए है, जबकि ईरान की जीडीपी सिर्फ 29 लाख करोड़ रुपए की है। यानी इजराइल की इकोनॉमी बड़ी है। लेकिन ध्यान देने वाली बात है कि ईरान की जनसंख्या इजराइल से करीब 10 गुना ज्यादा है। तो जाहिर है, जब GDP ज्यादा लोगों में बंटेगी, तो प्रति व्यक्ति कमाई घटेगी।
ट्रेड यानी एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट में ईरान, इजराइल से कहीं आगे है। इजराइल जहां ₹66.6 हजार करोड़ का इम्पोर्ट करता है, तो वहीं ईरान ₹1.5 लाख करोड़ का। इजराइल ₹35.5 हजार करोड़ का एक्सपोर्ट करता है। वहीं, ईरान ₹1.4 लाख करोड़ का। मतलब ईरान ज्यादा आयात और निर्यात दोनों करता है। उसका वैश्विक व्यापार जाल बड़ा है, खासकर तेल के जरिए।
विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में भी इजराइल काफी आगे है। उसके पास 19.2 लाख करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा है, जबकि ईरान के पास महज 2.9 लाख करोड़ रुपए। इससे ये साफ होता है कि इजराइल के पास क्राइसिस से निपटने की ज्यादा आर्थिक ताकत है।
इजराइल सालाना 4 लाख करोड़ रुपए डिफेंस पर खर्च करता है, जबकि ईरान सिर्फ 68 हजार करोड़ रुपए। यानी जंग के हालातों में इजराइल का हथियारों और टेक्नोलॉजी में भारी इन्वेस्टमेंट साफ नजर आता है।
IMF और ट्रेडिंग इकोनॉमिक्स के अनुसार, इजराइल के लोग औसतन सालाना 49 लाख रुपए कमाते (Per Capita Income) हैं, जबकि ईरान के लोग औसतन सिर्फ 3.3 लाख रुपए ही कमा पाते हैं। यानी एक आम इजरायली की इनकम, एक आम ईरानी से करीब 15 गुना ज्यादा है। इसका मतलब ये है कि इजराइल की अर्थव्यवस्था हाई-टेक और इनोवेशन पर टिकी है, जबकि ईरान की अर्थव्यवस्था काफी हद तक ऑयल एक्सपोर्ट और ट्रेड पर निर्भर करती है।