Loan लेने वाले की अगर हो जाए मौत तो कौन चुकाता है बचा हुआ पैसा?

Published : Nov 09, 2024, 06:54 PM ISTUpdated : Nov 09, 2024, 06:55 PM IST
Loan लेने वाले की अगर हो जाए मौत तो कौन चुकाता है बचा हुआ पैसा?

सार

इलेक्ट्रॉनिक से लेकर कपड़ों तक, हर चीज़ के लिए लोन उपलब्ध है. लेकिन अगर लोन लेने वाला व्यक्ति गुज़र जाए, तो क्या होगा? जानिए अलग-अलग लोन के नियम और वारिसों की ज़िम्मेदारी.

इलेक्ट्रॉनिक सामान (electric item) से लेकर कपड़ों तक, आजकल हर चीज़ के लिए लोन की सुविधा (Loan facility) उपलब्ध है. जेब में पैसे नहीं हैं तो चिंता करने की ज़रूरत नहीं है. थोड़ा सा लोन लेकर अपनी पसंद की चीज़ें खरीद सकते हैं. लोन मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं. इन्हें व्यक्तिगत लोन (personal loan), गृह लोन (home loan) और कार लोन (car loan) के रूप में वर्गीकृत किया गया है. ये लोन हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. लोग व्यक्तिगत ज़रूरतों या घर के लिए लोन लेते हैं. बैंक से लोन लेकर अपनी इच्छा पूरी करने वाला व्यक्ति, अगर लोन चुकाने से पहले ही मर जाए तो उस लोन का क्या होता है? बहुत से लोगों के मन में यह सवाल उठता है. इसका जवाब यहाँ है. 

लोन लेने वाले की मृत्यु होने पर लोन की ज़िम्मेदारी किसकी होती है? : इसके लिए अलग-अलग लोन के नियम अलग-अलग होते हैं. कई बार उत्तराधिकारी या सह-ऋणी को बकाया राशि चुकानी पड़ती है. कुछ लोन में बैंक या वित्तीय संस्थान, नियमों के अनुसार भुगतान की व्यवस्था करते हैं.

गृह लोन में क्या नियम है? : गृह लोन में बैंक घर की संपत्ति को गिरवी रखता है. लोन लेने वाले की मृत्यु होने पर, बकाया लोन सह-ऋणी या वारिस को चुकाना होता है. संपत्ति बेचकर लोन चुकाने का विकल्प भी दिया जाता है. ज़्यादातर बैंक गृह लोन पर बीमा सुविधा देते हैं. लोन लेने वाले की मृत्यु होने पर, बीमा क्लेम करके बची हुई राशि का भुगतान किया जाता है.

व्यक्तिगत लोन का नियम : व्यक्तिगत लोन का नियम अलग है. पर्सनल लोन सुरक्षित नहीं होता है. इसलिए अगर लोन लेने वाले की मृत्यु हो जाती है, तो लोन भी उसके साथ ही खत्म हो जाता है. व्यक्तिगत लोन के साथ क्रेडिट कार्ड लोन को भी इसमें शामिल किया जाता है. अगर क्रेडिट कार्ड से लोन लेने वाले की मृत्यु हो जाती है, तो इस लोन को चुकाने की ज़िम्मेदारी वारिस या किसी अन्य व्यक्ति को नहीं दी जाती है. इस लोन को बैंक खुद चुकाता है. बैंक लोन को NPA घोषित कर देता है.

कार लोन : अगर कार खरीदने के लिए लोन लेने वाले की मृत्यु हो जाती है और लोन नहीं चुकाया जाता है, तो कार को ज़ब्त कर लिया जाता है. पहले मृतक के परिवार से कार लोन चुकाने के लिए कहा जाता है. अगर परिवार वाले ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो कार बेचकर लोन चुकाने के लिए कहा जाता है.

वारिसों को लोन के बोझ से कैसे बचाएँ? : लोन लेने वाला व्यक्ति, अपने लोन का बोझ वारिसों पर न पड़े, इसके लिए एक उपाय है. लोन लेते समय बीमा करवाना चाहिए. ऐसा करने से, व्यक्ति की मृत्यु होने पर लोन लेने वाले के परिवार को पैसे नहीं चुकाने पड़ते हैं. बैंक बीमा प्रीमियम से बकाया राशि वसूल कर लेता है. हर बैंक लोन बीमा सुविधा प्रदान करता है. बीमारी, चोट या मृत्यु जैसी अप्रत्याशित घटनाओं में लोन चुकाने के लिए यह बीमा मदद करता है.

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