
Moodys Warning on Pakistan Economy: भारत से लगातार बढ़ रहे तनाव के बीच इंटरनेशनल रेटिंग एजेंसी Moodys ने पाकिस्तान को वॉर्निंग दी है। मूडीज का कहना है कि पाकिस्तान की एक्सटर्नल फाइनेंसिंग तक पहुंच में रुकावट आ सकती है, जिसके चलते उसके विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव पड़ेगा। ये पाकिस्तान के एक्सटर्नल डेट पेमेंट की जरूरतों को पूरा करने के लिए जरूरी लिमिट से काफी कम है। बता दें कि मूडीज दुनिया भर के देशों की आर्थिक स्थिति पर नजर रखने वाली एजेंसी है।
मूडीज ने 5 मई को जारी रिपोर्ट में पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से पाकिस्तान के इकोनॉमिक रिफॉर्म प्रॉसेस को तगड़ा झटका लग सकता है। अगर ये टेंशन लंबी खिंचती है तो IMF के साथ चल रहे सुधारों पर असर पड़ने के साथ ही पाकिस्तान की इकोनॉमी को गहरी चोट लगेगी। इससे पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार पर गंभीर असर पड़ेगा और उसकी विदेशी कर्ज चुकाने की क्षमता और फाइनेंशियल हेल्प पाने की संभावना भी कम हो जाएगी।
मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान से तनाव के बीच भारत की अर्थव्यवस्था पर कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि भारत का पाकिस्तान के साथ व्यापार बेहद कम है। हालांकि, तनाव बढ़ने पर रक्षा खर्च बढ़ सकता है, जो भारत की फाइनेंशियल कंडीशन पर असर डाल सकता है। इसके अलावा इससे भारत का राजकोषीय संतुलन (Fiscal Consolidation) धीमा पड़ सकता है।
Moodys की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच समय-समय पर सीमित सैन्य झड़पें होती रही हैं, लेकिन बड़े पैमाने पर युद्ध की संभावना कम ही है। हालांकि, बार-बार तनाव बढ़ने से रीजनल स्टेबिलिटी का रिस्क बना रहेगा। बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए 1960 की सिंधु जल संधि तोड़ दी थी। वहीं, पाकिस्तान ने 1972 का शिमला समझौता रद्द करते हुए भारत के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया था। बाद में भारत की ओर से भी पलटवार में पाकिस्तान के जहाजों के लिए एयरस्पेस बंद कर दिया गया।