इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर अब डायरेक्ट टैक्स का भुगतान UPI से कर सकते हैं। पेटीएम, फोनपे जैसे ऐप्स से QR कोड स्कैन करके आसानी से पेमेंट करें। इसके लिए नेट बैंकिंग या बैंक जाने की जरूरत नहीं है।
इनकम टैक्स भरना अब और भी आसान हो गया है। एडवांस टैक्स, सेल्फ-असेसमेंट टैक्स जैसे डायरेक्ट टैक्स अब इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल के जरिए सीधे UPI का इस्तेमाल करके भरे जा सकते हैं। पेटीएम, फोनपे, गूगल पे जैसे ऐप्स के जरिए अपने लिंक्ड बैंक अकाउंट से पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। इसके लिए बैंक जाने या नेट बैंकिंग सेट करने की कोई जरूरत नहीं है।
टैक्स भरने के आसान तरीके: 4 स्टेप्स
टैक्स भरने के आसान स्टेप्स नीचे दिए गए हैं…
स्टेप 1:
incometax.gov.in वेबसाइट खोलें।
पैन को यूजर आईडी और पासवर्ड के तौर पर इस्तेमाल करके लॉग इन करें।
डैशबोर्ड पर, 'e-Pay Tax' ऑप्शन पर क्लिक करें।
स्टेप 2:
'New Payment' चुनें।
टैक्स का प्रकार चुनें।
सही असेसमेंट ईयर चुनें।
भुगतान की जाने वाली रकम डालें।
इसके बाद, अपना नाम और पैन एक बार फिर से चेक करके पक्का कर लें।
इसके बाद आपको रकम और पेमेंट के तरीके दिखाई देंगे।
स्टेप 3:
पेमेंट मेथड के तौर पर 'UPI' चुनें।
पोर्टल पर एक QR कोड दिखाई देगा।
अपने मोबाइल फोन पर पेटीएम, फोनपे या गूगल पे में से कोई एक ऐप खोलें।
पोर्टल पर दिए गए QR कोड को स्कैन करें।
रकम सही है या नहीं, यह पक्का करके UPI पिन का इस्तेमाल कर पेमेंट पूरा करें।
स्टेप 4:
ई-फाइलिंग टैब पर वापस आएं। पेमेंट का स्टेटस एक या दो मिनट में 'Paid' में बदल जाएगा।
चालान की रसीद डाउनलोड करें।
इस रसीद में CIN और UTR नंबर होंगे - ये पेमेंट के मुख्य सबूत हैं।
इन डॉक्यूमेंट्स को संभाल कर रखें और खुद को मेल भी कर लें।
पेमेंट फेल होने पर क्या करें?
कभी-कभी UPI पर स्टेटस 'पेंडिंग' दिख सकता है।
इस स्थिति में, तुरंत दोबारा पेमेंट न करें। 30-60 मिनट इंतजार करें और 'पेमेंट हिस्ट्री' को रिफ्रेश करें।
अगर स्टेटस नहीं बदलता है और आपके बैंक अकाउंट से पैसे कट गए हैं, तो पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें।
ज्यादातर फेल हुए UPI ट्रांजैक्शन में पैसा अकाउंट में वापस आ जाता है।
गलतियों से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखें
टैक्स भरने से पहले, यह पक्का कर लें कि असेसमेंट ईयर और टैक्स का प्रकार सही है।
यह सुनिश्चित करें कि आपके UPI से जुड़े अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस है और वह अकाउंट KYC-वेरिफाइड है।
जब तक पेमेंट सफलतापूर्वक पूरा न हो जाए और रसीद न मिल जाए, तब तक ब्राउज़र टैब को खुला रखें।
चालान की PDF, UPI ट्रांजैक्शन आईडी और बैंक का SMS संभाल कर रखें। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय या जब विभाग सबूत मांगेगा, तो इनकी जरूरत पड़ सकती है।