कहीं फ्री के लालच में तो नहीं फंस रहे आप? जान लें नो कॉस्ट EMI का सच

फेस्टिव सीजन में नो कॉस्ट EMI ऑफर्स की भरमार है, लेकिन क्या ये वाकई फायदे का सौदा है? हर किसी को नो कॉस्ट EMI के पीछे छिपे सच और इससे होने वाले नुकसान के बारे में जान लेना चाहिए।

Satyam Bhardwaj | Published : Oct 4, 2024 6:58 AM IST

बिजनेस डेस्क : फेस्टिव सीजन में जिधर देखो, उधर सेल लगी है। कस्टमर्स को ऑफर्स और डिस्‍काउंट भर-भरकर दिए जा रहे हैं। ज्यादातर शोरूम के बाहर 'No Cost EMI' का बोर्ड देखने को मिल रहा है। जिसे देख ज्यादातर लोगों का शॉपिंग का मन बन जाता है लेकिन क्या सचमुच नो कॉस्ट EMI फायदे का सौदा है, क्या इसमें जीरो ब्याज पर हर सामान मिल जाता है या फिर यह एक तरह का छलावा है, क्योंकि बाजार में मुफ्त तो कुछ भी नहीं मिलता है। आइए जानते हैं बाजार में चल रहे इस पूरे खेल के बारें में...

No Cost EMI का सच क्या है

Latest Videos

नो कॉस्ट ईएमआई में कस्टमर्स को एक साथ पेमेंट किए बिना ही शॉपिंग की सुविधा मिलती है। ई-कॉमर्स साइट्स या स्‍टोर्स जो भी सामान आप खरीदते हैं, उसकी प्राइस पर कोई ब्‍याज न लेने का दावा करते हैं। बहुत से लोगों को लगता है कि नो कॉस्ट ईएमआई पर जीरो परसेंट का ब्याज होता है, लेकिन सच तो ये है कि ये कीमत डिस्‍काउंट न देकर, छिपे चार्ज और प्रोसेसिंग फीस के तौर पर ली जाती है।

नो कॉस्ट ईएमआई में फायदा या नुकसान

नो कॉस्ट ईएमआई सिर्फ कस्टमर्स को आकर्षित करने के लिए लाया जाता है। इसमें कई छिपे चार्ज (No Cost EMI Hidden Charges) होते हैं, जिनके बारें में ग्राहकों को नहीं बताया जाता है। खुद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी यह मान चुका है। आरबीआई के एक सर्कुलेशन में बताया कि कोई भी लोन ब्याज मुक्त नहीं होता है। आरबीआई का 2013 का सर्कुलर कहता है कि क्रेडिट कार्ड आउटस्टैंडिंग्स पर जीरो परसेंट EMI स्कीम में ब्याज अक्सर प्रोसेसिंग फीस के तौर पर ली जाती है।

नो कॉस्ट EMI क्यों घाटे का सौदा

1. कोई डिस्‍काउंट नहीं

अगर आप नो कॉस्‍ट ईएमआई ऑप्शन चुनकर किसी प्रोडक्ट को खरीदते हैं तो इस पर मिल रही छूट की जानकारी कंपनी, स्टोर या ई-कॉमर्स साइट्स पर नहीं दी जाती है, मतलब इस पर किसी तरह का डिस्काउंट नहीं होता है।

2. प्रोडक्ट का हाई रेट

अक्सर स्टोर्स पर या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स किसी प्रोडक्ट्स की कीमत बढ़ा देते हैं, जिसकी वजह से कस्टमर्स को नो कॉस्ट ईएमआई का कोई फायदा नहीं मिलता है। मान लीजिए किसी प्रोडक्ट की कीमत 10,000 रुपए है तो नो कॉस्ट ईएमआई में यह बढ़कर 12,000 रुपए हो सकती है।

3. नो कॉस्ट EMI में हिडेन चार्ज

नो कॉस्ट EMI से सामान खरीदने पर बैंक या फाइनेंसिंग कंपनियां प्रोसेसिंग फीस वसूल लेती हैं, जो 99 रुपए से लेकर 300 रुपए तक हो सकती है। इसके अलावा नो कॉस्ट ईएमआई में ब्याज की रकम छूट के तौर पर दिखाया जाता है लेकिन इस पर 18% GST भी लगता है, जिससे कुल लागत बढ़ जाती है। अगर कोई कस्टमर पूरे पैसे पहले ही चुका देता है तो उसे प्री-क्लोजर फीस या प्री-पेमेंट पेनाल्टी भी देना पड़ सकता है। इसके अलावा समय पर पेमेंट न करने या लेट पेमेंट पर लेट पेमेंट चार्ज भी देना पड़ता है।

शॉपिंग कैसे करें

ज्यादातर मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह है कि हमेशा कैश में ही शॉपिंग करनी चाहिए। इससे आप कर्ज के जाल में फंसने से बच जाते हैं। नो-कॉस्ट EMI पर शॉपिंग करने के लिए आपके पास क्रेडिट कार्ड होना जरूरी है और क्रेडिट कार्ड पर कुछ भी फ्री में नहीं मिलता है, इसलिए इसके चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए।

इसे भी पढ़ें

Car खरीदते समय इग्नोर न करें 2 RULES...आसान होगा लोन, कम आएगी EMI

 

KYC धोखाधड़ी से कैसे बचें, अपडेट करते समय रखें ये सावधानियां

 

Share this article
click me!

Latest Videos

ईरान युद्ध में उतरा तो दुनिया में मचेगा हाहाकार! आ जाएगा Oil और Gas का संकट
'घंटा-शंख से परेशानी है तो कान बंद कर लो', Yogi ने किसे बताया चंड-मुंड और महिषासुर
Rahul Gandhi LIVE: राहुल गांधी का हरियाणा के महेंद्रगढ़ में जनता को संबोधन।
Hezbollah में जो लेने वाला था नसरल्ला की गद्दी, Israel ने उसे भी ठोका
56 साल बाद घर आई जवान की डेडबॉडी, इंतजार करते मर गए माता-पिता, पत्नी-बेटा