इस योजना में 18 व्यवसाय शामिल हैं। बढ़ई, नाव बनाने वाला, हथियार बनाने वाला, लोहार, हथौड़ा और औजार बनाने वाला, ताला बनाने वाला, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार (मूर्तिकार, पत्थर तराशने वाला), पत्थर तोड़ने वाला, जूता बनाने वाला/जूता बनाने वाला, राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाडू बनाने वाला / नारियल जटा बुनकर, गुड़िया और खिलौना बनाने वाला (पारंपरिक), नाई, माला बनाने वाला, धोबी, दर्जी और कारीगर और शिल्पकार मछली पकड़ने के जाल बनाने में लगे हुए हैं।