Post Office Scheme: 500 रु. जमा करो, पाओ 35,000 रु. से ज्यादा

डाकघर की एक योजना हर महीने 500 रुपये जमा करके 35,000 रुपये से ज़्यादा कमाने में आपकी मदद कर सकती है। बच्चे भी इस योजना में शामिल हो सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे।

Asianetnews Hindi Stories | Published : Sep 10, 2024 4:42 AM IST
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ऐसा कहा जाता है कि आप बचपन से ही अपने बच्चों को जो कुछ भी सिखाते हैं, वही संस्कार उनमें विकसित होते हैं। आप अपने बच्चों को तमाम तरह की आदतें सिखाने के साथ-साथ उन्हें आर्थिक शिक्षा भी दें, और बचपन से ही उन्हें बचत करना सिखाएं। आमतौर पर, बच्चों को बचत की आदत डालने के लिए, माता-पिता उनके पैसे घर में गुल्लक में डाल देते हैं। गुल्लक पैसे जमा करने का ही काम करता है। इससे आपको कोई अतिरिक्त लाभ नहीं मिलता है।

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लेकिन एक गुल्लक ऐसी भी है जिसमें अगर बच्चे पैसे जमा करते हैं तो उन्हें ब्याज भी मिलता है। हम बात कर रहे हैं रेकरिंग डिपॉजिट की। आरडी भी एक तरह से गुल्लक की तरह ही है। इसमें, आपको हर महीने एक निश्चित राशि जमा करनी होती है और मैच्योरिटी पर राशि ब्याज सहित प्राप्त होती है। ऐसे में जब बच्चे अपनी जमा राशि बढ़ते हुए देखेंगे तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा। यहां जानिए कैसे 500 रुपये महीना जमा करके 35,000 रुपये इकट्ठा कर सकते हैं।

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आरडी की सुविधा बैंकों में भी उपलब्ध है और यह अलग-अलग अवधि के लिए होती है। लेकिन डाकघर आरडी 5 साल के लिए है, लेकिन यह अच्छा ब्याज देता है। अपने बच्चों की बेहतर बचत के लिए डाकघर आरडी में निवेश शुरू करें। डाकघर आरडी की सबसे अच्छी बात यह है कि इसे आप हर महीने सिर्फ 100 रुपये से शुरू कर सकते हैं। अधिकतम जमा राशि की कोई सीमा नहीं है। फिलहाल इस आरडी पर 6.7 फीसदी ब्याज मिल रहा है।

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ऐसे में अगर आप अपने बच्चे के लिए हर महीने 500 रुपये जमा करते हैं तो एक साल में 6,000 रुपये और 5 साल में 30,000 रुपये जमा हो जाएंगे। इस पर 6.7 फीसदी ब्याज के तौर पर 5,681 रुपये मिलेंगे और मैच्योरिटी पर 35,681 रुपये मिलेंगे। वहीं अगर इतनी ही रकम गुल्लक में जमा की जाए तो 30,000 रुपये ही मिलेंगे। ब्याज का कोई फायदा नहीं होगा।

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जब आप बच्चे का आरडी शुरू करते हैं, तो उसे अपने साथ ले जाएं। उसे ही वह रकम जमा करने के लिए कहें। इससे बच्चों को समझ में आएगा कि पैसे का निवेश कैसे किया जाता है। 5 साल के आरडी को मैच्योर होने में थोड़ा समय लगेगा। ऐसे में बच्चों को उस पैसे के लिए थोड़ा धैर्य रखना होगा। इससे उनमें धैर्य रखने की आदत विकसित होगी। जब उन्हें मैच्योरिटी पर पैसे मिलेंगे तो उन्हें समझाएं कि निवेश पर मिलने वाले ब्याज से उनके पैसे कैसे बढ़े हैं। इससे बच्चों को निवेश के महत्व का एहसास होगा। इस तरह, आप बच्चों को घर बैठे ही बचत और निवेश का पाठ आसानी से सिखा सकते हैं और उनके वित्तीय भविष्य के लिए बेहतर मार्गदर्शन कर सकते हैं।

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आप डाकघर की किसी भी शाखा में जाकर बच्चे के नाम से खाता खुलवा सकते हैं। माता या पिता नाबालिग के नाम पर खाता खुलवा सकते हैं। इसके अलावा 10 साल से ज्यादा उम्र का नाबालिग अपने नाम से खाता खुलवा सकता है। डाकघर आरडी में ज्वाइंट अकाउंट की सुविधा भी है। इसके अलावा आप जितने चाहें उतने आरडी खाते खुलवा सकते हैं।

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