एक अप्रैल से 27 तरह की बीमारियों के इलाज में लगने वाली जरूरी दवाओं की कीमत 10 फीसदी तक बढ़ने वाली है। कच्चे माल की कीमत बढ़ने के चलते यह फैसला लिया गया है।
नई दिल्ली। 1 अप्रैल से जरूरी दवाओं की कीमत बढ़ने वाली है। एंटीबायोटिक और पेनकिलर्स से लेकर दिल के रोगों में इस्तेमाल होने वाली दवाओं की कीमत बढ़ेगी। अगले महीने से 27 तरह की बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाले दवाओं के कच्चे माल की कीमत में 12 फीसदी की वृद्धि होने की उम्मीद है। इसके चलते दवाओं के दाम भी बढ़ेंगे।
दवा कंपनियों को वार्षिक थोक मूल्य सूचकांक (WPI) परिवर्तन के अनुसार कीमतों में वृद्धि करने की अनुमति दी गई है। नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने सोमवार को कहा कि 2022 में WPI इंडेक्स में बदलाव 12.12 प्रतिशत पर आ गया है। ड्रग मॉलिक्यूल महंगे हो गए हैं। इसके चलते आवश्यक दवाओं की कीमत बढ़ानी पड़ रही है। दूसरी ओर ऐसी दवाएं जो भारत सरकार की जरूरी दवाओं की लिस्ट में शामिल नहीं हैं, उनकी कीमतें भी 10 फीसदी बढ़ने वाली है।
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900 फॉर्मूलेशन की कीमत बढ़ी
1 अप्रैल से जरूरी दवाओं की कीमत में 10 फीसदी तक वृद्धि हो सकती है। यह 27 तरह की बीमारियों के इलाज में लगने वाली दवाओं के निर्माण के लिए जरूरी 900 फॉर्मूलेशन के 384 मॉलेक्यूल की कीमत में 12 फीसदी वृद्धि के चलते होने वाली है। इसके चलते दिल के रोग, एंटी इन्फेक्शन, गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी, डायबिटीज, विटामिंस, सांस के रोग, दर्द, चर्म रोग, डायबिटीज गायनेकोलॉजी और आंखों से संबंधी रोगों के इलाज में अधिक पैसा खर्च करना पड़ेगा।
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