क्या FD के पैसे डूब सकते हैं? सबसे पहले जान लीजिए RBI के ये नियम

बैंक FD को सुरक्षित निवेश माना जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि RBI के नियमों के तहत 5 लाख रुपये से ज़्यादा की FD पर क्या होता है? जानिए DICGC बीमा योजना और अपने निवेश की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करें।
Asianetnews Hindi Stories | Published : Sep 19, 2024 11:08 AM IST / Updated: Sep 19 2024, 04:39 PM IST
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बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट में किया गया निवेश सभी के द्वारा सुरक्षित माना जाता है. FD के पैसे डूबने का खतरा नहीं होता है. लेकिन, बैंक में 5 लाख रुपये से ज़्यादा का फिक्स्ड डिपॉजिट करने वालों को भारतीय रिज़र्व बैंक के नियमों को जान लेना चाहिए.

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बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट करने पर निश्चित आय होती है, यह सच है. लेकिन, कुछ मामलों में बैंकों में जमा राशि भी सुरक्षित नहीं होती है. अगर बैंक डूब गया तो क्या होगा? अगर कोई बैंक डूब जाता है तो क्या फिक्स्ड डिपॉजिट का पैसा सुरक्षित रहेगा? कम रकम जमा करने पर तो ठीक है, लेकिन लाखों में जमा करने वालों को भारतीय रिजर्व बैंक के फिक्स्ड डिपॉजिट से जुड़े नियमों को जरूर जान लेना चाहिए.

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बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट करने वाले ग्राहकों को सुरक्षा देने के लिए रिजर्व बैंक ने डिपॉजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी योजना शुरू की है. कई ग्राहकों को इस योजना के बारे में पता ही नहीं होता है. बैंक भी इस बारे में ग्राहकों को नहीं बताते हैं. रिजर्व बैंक की सहायक कंपनी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) बैंकों में जमा राशि के लिए बीमा प्रदान करती है.

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DICGC के जरिए बैंक डिपॉजिट के पैसे के लिए बीमा राशि तय होती है. अगर कोई बैंक दिवालिया होकर बंद होने की नौबत आती है, तो इस बीमा का फायदा मिलता है. लेकिन इसकी भी एक सीमा है. आपकी जमा राशि 5 लाख रुपये तक होने पर ही बीमा का कवरेज मिलता है. वह भी मूलधन और ब्याज मिलाकर 5 लाख रुपये तक होने पर ही DICGC का बीमा मिल पाता है.

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दिवालिया बैंकों के ग्राहकों को होने वाले नुकसान की भरपाई यह बीमा करता है. डिपॉजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी के जरिए अपने पैसे वापस पाने के हकदार लोग आवेदन करके वह रकम प्राप्त कर सकते हैं. आवेदन करने के 90 दिनों के भीतर बीमा राशि दे दी जाती है. उदाहरण के लिए, मान लीजिए आपने 5 लाख रुपये से ज़्यादा का फिक्स्ड डिपॉजिट किया है, तो आपको अधिकतम 5 लाख रुपये ही मिलेंगे. इससे ज़्यादा जमा की गई राशि और ब्याज आपको गंवानी पड़ेगी.

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एक ही बैंक की अलग-अलग शाखाओं में की गई कुल जमा राशि को एक साथ जोड़कर ही यह बीमा राशि दी जाती है. अलग-अलग शाखाओं में फिक्स्ड डिपॉजिट करने पर उसे अलग-अलग नहीं गिना जाता है. कुल मिलाकर 5 लाख रुपये तक के फिक्स्ड डिपॉजिट का ही बीमा होता है. इसलिए फिक्स्ड डिपॉजिट करने से पहले RBI के नियमों को जान लेना चाहिए. अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग योजनाओं में पैसे जमा करने पर निवेश की गई पूरी राशि का बीमा मिल जाता है. इस बीमा के लिए कोई प्रीमियम भी नहीं देना होता है. संबंधित बैंक ही इसका भुगतान कर देते हैं.

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