12वीं पास ने कर्ज ले कैसे खड़ी की 24000 Cr की कंपनी, सीखने लायक हैं ये 4 बातें

12वीं तक पढ़े शख्स ने अपने पारिवारिक कपड़ा व्यवसाय के बजाय शेयर बाजार में करियर बनाने का फैसला किया। शुरुआती नुकसान और हर्षद मेहता कांड के झटके के बावजूद उसने सीखना जारी रखा और आज 24000 करोड़ रुपये की कंपनी का मालिक है।

बिजनेस डेस्क। कई बार इंसान लीक से हटकर और कुछ अलग करने की चाहत में रिस्क लेने से भी नहीं डरता। खास बात ये है कि यही रिस्क उसे कामयाबी के शिखर पर पहुंचा देता है। ऐसा ही कुछ हुआ, भारत के मशहूर शेयर ब्रोकर और दिग्गज कंपनी ‘एंजेल वन’ के मालिक दिनेश ठक्कर के साथ। महज 12वीं तक पढ़ाई करने के बाद फाइनेंशियल सेक्टर में किस्मत आजमाने उतरे दिनेश ठक्कर की कहानी करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणादायक है।

विरासत में मिला बिजनेस, पर नहीं आया मजा

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मुंबई के रहने वाले दिनेश ठक्कर के पिता का मुलुंड में कपड़ों का कारोबार था। ऐसे में उनके पास नौकरी के लिए यहां-वहां भटकने से कहीं अच्छा ऑप्शन अपने पुश्तैनी बिजनेस को संभालना था। यही वजह थी कि दिनेश ठक्कर ने भी कभी नौकरी के बारे में नहीं सोचा। लेकिन उनकी रुचि कपड़ा व्यवसाय से अलग कुछ हटकर करने में थी।

12वीं तक पढ़े ठक्कर ने फाइनेंस सेक्टर में उतरने का मन बनाया

12वीं तक की पढ़ाई करने के बाद दिनेश ठक्कर का मन ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने की तरफ लगने लगा। हालांकि, उन्हें अपने पुश्तैनी टेक्सटाइल्स के बिजनेस में खास मजा नहीं आ रहा था। लेकिन बचपन से ही बिजनेस फैमिली में पले-बढ़े ठक्कर के भीतर व्यापार के मूल गुण पहले से ही मौजूद थे।

20 साल की उम्र में स्टॉक मार्केट में रखा कदम

दिनेश ठक्कर ने जब पहली बार शेयर मार्केट में कदम रखा तो उनकी उम्र महज 20 साल थी। उन्होंने 90 के दशक में जब शेयर मार्केट में एंट्री ली तो दलाल-स्ट्रीट में बस एक ही नाम हर्षद मेहता गूंजता था। दिनेश ठक्कर ने शुरुआत में 3 लोगों के साथ मिलकर काम शुरू किया। हालांकि, शेयर बाजार से उनकी कमाई तो दूर, उल्टा जेब से भरना पड़ता था।

1992 में हर्षद मेहता कांड के बाद हुआ बड़ा घाटा

इसी बीच, 1992 में शेयर बाजार का सबसे बड़ा घोटाला हर्षद मेहता कांड चर्चा में आया। इसके बाद शेयर मार्केट की गिरावट के चलते दिनेश ठक्कर को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा। किसी तरह उन्होंने अपने आप को इस घाटे से उबारा और दोबारा रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश करने की ठानी। चूंकि, उदारीकरण के उस दौर में प्रीमियम प्रॉपर्टीज की डिमांड अच्छी थी।

शेयर मार्केट देखने में जितना आसान लगता है, उतना है नहीं..

दिनेश ठक्कर के मुताबिक, शेयर मार्केट बाहर से देखने में बहुत अच्छा और आसान लगता है। हर कोई सोचता है कि अगर उसके पास पूंजी हो तो इससे पैसा बनाना कोई कठिन काम नहीं। लेकिन हकीकत बिल्कुल अलग है। बिना सही रणनीति और जानकारी के अगर आप इसमें निवेश करेंगे तो निश्चित तौर पर पैसा गंवा बैठेंगे और मेरे साथ भी यही हुआ।

जब मुझे अंदाजा हुआ कि शेयर ट्रेडिंग एक टफ जॉब है..

दिनेश ठक्कर के मुताबिक, मैंने बहुत तेजी से पैसा बनाने के चक्कर में बिना सोचे-समझे यहां-वहां निवेश किया, जिसके चलते मुझे बड़ा घाटा उठाना पड़ा। यहां तक की मैंने कुछ पैसा उधार लेकर भी शेयरों में लगाया, जिसमें कुछ प्रॉफिट तो कुछ लॉस हुआ। इसके बाद मुझे अंदाजा हुआ कि शेयर ट्रेडिंग एक टफ काम है और इसे बिना एक्सपर्टीज के करना रिस्की हो सकता है। मुझे अगर पैसा बनाना है तो ट्रेडिंग टूल अपनाने होंगे।

शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव को समझने अपनाया ये रास्ता

इसके बाद मैंने शेयर मार्केट में होनेवाले उतार-चढ़ाव को बेहतर ढंग से समझने के लिए किताबें पढ़ना शुरू कीं। इसके अलावा मार्केट के फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस के लिए कुछ एक्सपर्ट्स से बातचीत कर उसके बारे में समझ डेवलप की। धीरे-धीरे मैं स्टॉक मार्केट को समझकर उसमें निवेश करने लगा और नतीजा अच्छी कमाई होने लगी।

24000 करोड़ की कंपनी के मालिक हैं दिनेश ठक्कर

बता दें कि 3 लोगों के साथ शुरू किया गया काम अब हजारों लोगों की कंपनी बन चुका है। दिनेश ठक्कर की ब्रोकिंग कंपनी एंजेल वन स्टॉक मार्केट में लिस्ट है और फिलहाल उसका मार्केट कैप 24000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है।

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