Ratan Tata के नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने इतनी तरक्की की है कि आज पूरे समूह की वैल्यूएशन 365 अरब डॉलर से भी ज्यादा है। बता दें कि ये पूरे पाकिस्तान की कुल GDP से भी कहीं ज्यादा है। जानिए कैसे टाटा ने हासिल किया ये मुकाम।
Ratan Tata: बचपन में एक कहावत सबने ही सुनी होगी कि जूतों में बाटा और सामान में टाटा का कोई मुकाबला नहीं है। ये बात काफी हद तक सच भी है, क्योंकि TATA कंपनी सुई से लेकर हवाई जहाज तक लगभग हर एक सामान बनाती है। खास बात ये है कि टाटा क्वालिटी से कोई समझौता नहीं करती। टाटा कंपनी को इस मुकाम तक पहुंचाने में रतन टाटा का अहम योगदान रहा है। बता दें कि रतन टाटा के नेतृत्व में इस ग्रुप ने इतनी तरक्की की कि इसका वैल्यूएशन हमारे पड़ोसी पाकिस्तान की कुल पूरी इकोनॉमी से भी कहीं ज्यादा है।
फरवरी, 2024 के आंकड़ों के मुताबिक, टाटा ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ की कुल संपत्ति 365 अरब डॉलर तक पहुंच गई है, जो कि पाकिस्तान की कुल GDP से भी ज्यादा है। पाकिस्तान का कुल सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी 341 अरब डॉलर है। पाकिस्तान की जीडीपी का अनुमान खुद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने लगाया है।
पाकिस्तान की आधी इकोनॉमी के बराबर Tata की सिर्फ एक कंपनी
बता दें कि टाटा ग्रुप की सिर्फ एक कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज यानी TCS का वैल्यूएशन 170 अरब डॉलर है। ये पाकिस्तान की आधी अर्थव्यवस्था के बराबर है। टीसीएस भारत की दूसरी सबसे मूल्यवान कंपनी भी है। इससे ऊपर सिर्फ मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज का ही नाम है।
1991 में रतन टाटा के संभाली कंपनी की बागडोर
सन 1991 में रतन टाटा ने कंपनी की बागडोर संभाली और उनके नेतृत्व में टाटा ने दुनिया भर में अपने कारोबार का विस्तार किया। टाटा ने टेटली चाय, AIG इंश्योरेंस कंपनी, बॉस्टन में रिट्ज कार्लटन, दाएवू मोटर्स की हैवी गाड़ियां बनाने वाली यूनिट के अलावा कोरस स्टील जैसी कंपनियां को खरीदा। TATA ग्रुप की वैल्यूएशन बढ़ाने में रतन टाटा की जिन कंपनियों की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है, उनमें टाटा मोटर्स, ट्रेंट, टाइटन, टीसीएस, टाटा पावर, टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन, ऑटोमोबाइल कॉरपोरेशन ऑफ गोवा और आर्टसन इंजीनियरिंग शामिल हैं। टाटा ग्रुप की 8 कंपनियों की वैल्यूएशन दोगुनी से अधिक हो चुकी है।
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