सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी महानगर टेलीफोन निगम लि. (एमटीएनएल) को उसके शेयरधारकों से गैर परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) जारी कर 6,500 करोड़ रुपये जुटाने और जमीन एवं भवनों के मौद्रिकरण की मंजूरी मिल गई है
नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी महानगर टेलीफोन निगम लि. (एमटीएनएल) को उसके शेयरधारकों से गैर परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) जारी कर 6,500 करोड़ रुपये जुटाने और जमीन एवं भवनों के मौद्रिकरण की मंजूरी मिल गई है।
कंपनी ने बंबई शेयर बाजार को भेजी सूचना में कहा है कि एमटीएनएल की बुधवार को हुई असाधारण आम बैठक में एक या अधिक किस्तों में निजी नियोजन के आधार पर गारंटी वाले, सूचीबद्ध, विमोच्य गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर जारी 6,500 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दी गई। इस प्रस्ताव के पक्ष में 99.89 प्रतिशत मत पड़े।
टावर और फाइबर संपत्तियों के मौद्रिकरण के पक्ष में मत
कंपनी ने कहा कि जमीन और भवनों के मौद्रिकरण के पक्ष में भी ज्यादातर शेयरधारकों ने मत दिया। इन जमीनों और भवनों की पहचान निदेशक मंडल ने निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के दिशानिर्देशों के अनुरूप की है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल में कंपनी की पुनरुद्धार योजना को मंजूरी दी है। कंपनी ने कहा कि ज्यादातर शेयरधारकों ने बाजार परिस्थितियों पर विचार के बाद टावर और फाइबर संपत्तियों के मौद्रिकरण के पक्ष में मत दिया है।
69,000 करोड़ रुपये की पुनरुद्धार योजना को मंजूरी
सरकार ने इससे पहले सार्वजनिक क्षेत्र की दोनों कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए 69,000 करोड़ रुपये की पुनरुद्धार योजना को मंजूरी दी थी। इसमें दोनों कंपनियों का विलय किया जाना भी शामिल है। इसके अलावा दोनों कंपनियों के कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) भी लाई गई। सरकार का इरादा इन उपायों के जरिये संयुक्त इकाई को दो साल में मुनाफे में लाने का है।
दोनों कंपनियां पहली ही वीआरएस ला चुकी है। आधिकारिक अनुमान के अनुसार बीएसएनएल के 78,569 और एमटीएनएल के 14,387 कर्मचारियों ने वीआरएस के लिए आवेदन किया है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(प्रतीकात्मक फोटो)