अगले सप्ताह से फिर से शुरू हो सकती हैं पेट्रोल, डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी

अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें (Crude Oil Price in International Market )2014 के मध्य के बाद पहली बार 110 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से ऊपर आ गई हैं। इसका कारण हेे यूक्रेन पर रूस के हमले (Russia-Ukraine War) की वजह से पश्चिमी देशों ने उस प्रतिबंध लगाने शुरू दिए हैं।

बिजनेस डेस्क। जेपी मॉर्गन (JP Morgan) ने कहा कि अगले सप्ताह राज्य में चुनाव खत्म होने के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों (Petrol Diesel Price Today) में बढ़ोतरी फिर से शुरू होने की संभावना है। मौजूदा समय में देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2022) चल रहे हैं। जिसकी वजह से देश में नवंबर महीने से पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है। वहीं दूसरी ओर इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम (Crude Oil Price in International Market) 110  डॉलर प्रति बैैरल पर पहुंच गए हैं। जिसका असर आम लोगों की जेब पर पूरी तरह से पडऩे की संभावना है। आइए आपको  भी बताते हैं कि जेपी मॉर्गन की रिपोर्ट में क्या कहा गया हैै।

ओएमसी को हो रहा है नुकसान
जेपी मॉर्गन ने एक रिपोर्ट में कहा, हम अगले सप्ताह से रिटेल डीजल और गैसोलीन की कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं। अगले सप्ताह राज्यों के चुनाव खत्म होने के साथ हम उम्मीद करते हैं कि गैसोलीन और डीजल दोनों में रोज कीमतों में इजाफा हो सकता है। पंप की कीमतों में नवंबर से कोई बदलाव नहीं किया गया है। हमारा अनुमान है कि स्पॉट ब्रेंट 105 डॉलर प्रति बैरल होने से डीजल की कीमतों पर ओएमसी को  5.7 रुपए प्रति लीटर 1/ह्य नॉर्मल मार्जिन पर 2.5 रुपए प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है। रिपोर्ट में जेपी मॉर्गन ने कहा कि हम निवेशकों को सावधान करेंगे कि कच्चे तेल, डीजल और विदेशी मुद्रा में उतार-चढ़ाव को देखते हुए, ये आंककड़ा बदल भी सकता है।

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90 महीने की हाई पर क्रूड ऑयल
अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें 2014 के मध्य के बाद पहली बार 110 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से ऊपर आ गई हैं। इसका कारण हेे यूक्रेन पर रूस के हमले की वजह से पश्चिमी देशों ने उस प्रतिबंध लगाने शुरू दिए हैं। जिसकी वजह से रूस से तेल और गैस की आपूर्ति बाधित हो सकती है। तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) से मिली जानकारी के अनुसार, 1 मार्च को भारत द्वारा खरीदे गए कच्चे तेल की टोकरी 102 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गई, जो अगस्त 2014 के बाद सबसे अधिक है।

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118 दिन से नहीं बदले फ्यूल प्राइस
उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए सातवें और अंतिम चरण का मतदान 7 फरवरी को है और मतों की गिनती 10 मार्च को होनी है। फ्यूल प्राइस सीधे अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों से जुड़ी हैं क्योंकि भारत अपनी तेल जरूरतों का 85 फीसदी इंपोर्ट करता है - को लगातार 118 से बदलाव नहीं किया गया है। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 95.41 रुपए  प्रति लीटर है और डीजल की कीमत 86.67 रुपए है। यह कीमत राज्य सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में कटौती और वैट दर में कमी के बाद है।

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