कोरोनावायरस की दूसरी लहर से फार्मा शेयर की बढ़ी मांग, इन कंपनियों के शेयर हैं उछाल पर

कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमण की दूसरी लहर के शुरू हो जाने और इसके साथ ही बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन कार्यक्रम चलाए जाने से फार्माक्यूटिकल्स और हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनियों को काफी फायदा हो रहा है। इन कपंनियों के शेयर काफी उछाल पर हैं।

Asianet News Hindi | Published : Apr 12, 2021 9:45 AM IST

हेल्थ डेस्क। कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमण की दूसरी लहर के शुरू हो जाने और इसके साथ ही बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन कार्यक्रम चलाए जाने से फार्माक्यूटिकल्स और हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनियों को काफी फायदा हो रहा है। इन कपंनियों के शेयर काफी उछाल पर हैं। इन कंपनियों के शेयरों में सोमवार को उछाल देखा गया। एस एंड पी बीएसई हेल्थकेयर इंडेक्स (S&P BSE Healthcare Index) एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया। इसकी वजह यह थी कि सरकार ने एंटीवायरल ड्रग रेमेडिसविर (इंजेक्शन और एपीआई दोनों) के एक्सपोर्ट  पर रोक लगा दी। 

तेजी से बढ़ देश में कोरोना के मामले
देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इसे देखते हुए दवा निर्माता कंपनियों सिप्ला (Cipla), कैडिला हेल्थकेयर (Cadila Healthcare), डॉ रेड्डीज (Dr Reddy's), सन फार्मा (Sun Pharma), जुबिलेंट (Jubilant), सिनजीन (एपीआई) (Syngene (API), डिविस लैबोरेटरीज (एपीआई) (Divis Laboratories (API) ने प्रोडक्शन बढ़ाया है। इसके साथ इनके शेयर में भी उछाल आया है। 

इन कंपनियों के शेयर रिकॉर्ड स्तर पर
सिप्ला, लौरस लैब्स, डॉ लाल पैथलैब्स और मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर सुविधाओं के क्षेत्र से डॉ लाल पैथलैब्स और मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर के शेयर इंट्रा डे ट्रेड में बीएसई (BSE) पर अपने रिकॉर्ड हाई पर रहे। इन शेयरों के अलावा, इप्का लेबोरेट्रीज, टोरेंट फार्मास्यूटिकल्स, डॉ रेड्डीज लेबोरेट्रीज, डिविस लेबोरेट्रीज और न्यूलैंड लेबोरेट्रीज में 2 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि हुई।

फार्मा कंपनियों की बाजार में बढ़ी ताकत
सोमवार 10 बजे के करीब S & P BSE हेल्थकेयर इंडेक्स पर एकमात्र गेनर था। यह 1.3 फीसदी के  ऊपर था, जबकि S & P BSE सेंसेक्स में 2.7 प्रतिशत की गिरावट थी। एसएंडपी बीएसई हेल्थकेयर इंडेक्स ने इंट्रा-डे ट्रेड में आज 23,047 अंक की रिकॉर्ड ऊंचाई हासिल की। भारतीय फार्मा कंपनियों ने कोविड के पहले फेज में 40  फीसदी रिटर्न दिया है। इससे दवा कंपनियों का मुनाफा बढ़ा है और बाजार में उनकी ताकत बढ़ी है। 

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