Putin Visit to India: भारत में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) का दौरा होने वाला है। जिसे दोनों देशों के बीच कारोबारी रिश्तों के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है। दोनों देश अगले पांच सालों में बाइलेटरल ट्रेड (Bilateral Trade) को मौजूदा समय से तीन गुना बढ़ाने का टारगेट बना रहे हैं।
Putin Visit to India: बीते कुछ सालों में अमेरिका और भारत के बीच बाइलेटरल ट्रेड (India-US Bilateral Trade) में इजाफा देखने को मिला है। दोनों देशों के बीच 2019-20 बाइलेटरल ट्रेड करीब 90 बिलियन डॉलर था। खास बात तो ये है कि भारत और रूस (India-Russia Relations) के बीच सालों से अच्छे संबंध रहे हैं, उसके बावजूद अमेरिका के मुकाबला यह ट्रेड 10 गुना कम है। इसे देखते हुए व्लादिमिर पुतिन भारत दौरा (Vladimir Putin India Visit) करने वाले हैं। जहां यह दौरा पॉलिटिकली अहम तो होगा ही साथ में कारोबार और निवेश बढ़ाने के लिहाज से भी काफी अहम होने जा रहा है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर निवेश और कारोबार बढ़ाने के लिए किस तरि के समझौतों पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं।
रूस के मुकाबले अमरीका से बेहतर है भारत का ट्रेड
आजादी के बाद से भारत और अमेरिका के रिलेशंस में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिले हैं, लेकिन भारत और रूस के रिश्ते दशकों पुराने हैं। सोवियत रूस और विघटन के बाद रूस बनने तक भारत हमेशा से ही सहयोगी रहा है। उसके बाद भी दोनों के बीच बाइलेटरल कारोबार उतना मजबूत नहीं है, जितना अमेरिका के साथ है। दोनों देशों के बाइलेटरल ट्रेड की तुलना करें तो कॉमर्स मिनिस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 में इंडिया-यूएस ट्रेड 88.75 बिलियन डॉलर का रहा है। जबकि इसी दौरान भारत और रूस का बाइलेटरल ट्रेड 9.31 अरब डॉलर का देखने को मिला। इसका मतलब है कि रूस के भारत का कारोबार अमरीका के मुकाबले करीब 10 गुना कम है।
2010 से भारत और रूस के बीच कारोबार
साल | रूस के साथ बाइलेटरल ट्रेड (अरब डॉलर में) |
2010 | 8.53 |
2011 | 8.89 |
2012 | 10.95 |
2013 | 10.11 |
2014 | 9.51 |
2015 | 7.83 |
2016 | 7.59 |
2017 | 9.36 |
2018 | 10.98 |
2019 | 11.16 |
2020 | 9.31 |
बाइलेटरल ट्रेड बढ़ाने का है टारगेट
रूस और भारत का रिश्ता दशकों पुराना है। भारत की आजादी के बाद से दोनों के बीच रिश्ते अच्छे ही होते गए हैं, कभी खराब नहीं हुए हैं, उसके बाद भी कारोबारी स्तर पर दोनों अभी तक अपने आपको उस मुकाम तक नहीं पहुंचा सकें हैं, जहां इन्हें होना चाहिए था। ऐसे में पुतीन का यह दौरा दोनों देशों के बीच कारोबारी रिश्तों को बढ़ाने इमें काफी अहम हो सकता है। जानकारी के अनुसार दोनों देश 2025 तक अपने बाइलेटरल ट्रेड को 30 बिलियन डॉलर पहुंचाने की प्लानिंग कर रहे हैं। भारत रूस से सप्लाई की तो रूस डिमांड को पूरा करना चाहता है। 2019 में पीएम मोदी ने अपने रूस दौरे पर पूर्वी रूस के साथ व्यापार बढ़ाने की बात कही थी। वहीं अब पुतीन से पहले रूस के डिफेंस और फॉरेन मिनिस्टर भारत पहुंचे और यहां के समकक्षों के साथ वार्ता की है। रूस दुनिया के चौथा ऐसा देश है, जिससे भारत 2+2 वार्ता कर रहा है।
भारत इन सामानों का करता है इंपोर्ट और एक्सपोर्ट
इंपोर्ट:- खनिज तेल, सोना, चांदी, हीरा, फर्टिलाइजर, शिप एंवं बोट, पेपर प्रोडक्ट, न्यूक्लीयर प्लांट के लिए कंपोनेंट, आयरन स्टील, इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट, एयरक्राफ्ट और स्पेसक्राफ्ट।
एक्सपोर्ट:- फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट्स, इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट, मशीनरी और कंपोनेंट, आयरन, स्टील, कॉफी, चाय, फिश, व्हीकल्स, कैमिकल्स प्रोडक्ट्स, एयरक्राफ्ट पार्ट।
इंवेस्टमेंट बढ़ाने पर भी जोर
वहीं दूसरी ओर दोनों देश बाइलेटरल इंवेस्टमेंट बढ़ाने पर भी जोर देंगे। जानकारी के अनुसार दोनों बाइलेटरल इंवेस्टमेंट को 2025 तक 50 अरब डॉलर के पार ले जाना चाहते हैं। जबकि दोनों देश अपने 30 अरब डॉलर के इंवेस्टमेंट टारगेट को पूरा कर चुके हैं। वैसे दोनों देशों के बीच बाइलेटरल इंवेस्टमेंट भी उतना मजबूत नहीं है, जितना दोनों देशों के बीच होना चाहिए। वैसे कई रूसी बैंकों ने भारत में अपनी ब्रांच ओपन की हैं। वहीं दूसरी ओर भारत का कमर्शियल बैंक ऑफ इंडिया रूस में अपनी सर्विस प्रोवाइड करा रहा है।
10 समझौतों पर हो सकते हैं साइन
रूसी राष्ट्रपति का यह दौरान दोनों देशों के बीच 10 नए समझौतों पर साइन करा सकता है। जिसमें ट्रेड, एनर्जी, कल्चर, डिफेंस, स्पेस और टेक्नोलॉजी आदि शामिल हो सकते हैं। वहीं इससे पहले भारत पहुंचे रूसी डिफेंस मिनिस्ट ने राजनाथ सिंह के साथ वार्ता कर AK-203 राइफल को भारत में ही पर सहमति हो गई है। जिसके यूपी के अमेठी में तैयार किया जाएगा। इस समझौते के तहत टेक्नोलॉजी ट्रांसफर 7 सालों में कर दिया जाएगा। वहीं दूसरी ओ दोनों देशों के बीच रेसिप्रोकल एक्सचेंज ऑफ लॉजिस्टिक्स एग्रीमेंट पर साइन हो सकते हैं। जिसके तहत दोनों देश एक-दूसरे के नेवल और एयरबेस का उपयोग कर पाएंगे। भारत के अमेरिका सहित अन्य देशों के साथ भी ऐसे समझौते हैं।
मोदी काल में पुतिन का चौथा भारत दौरा
अगर बात पुतिन के भारत दौरे की करें तो पीएम मोदी के कार्यकाल में यह चौथा भारत दौरा है। जिसमें 2016 का ब्रिक्स सम्मेलन भी शामिल है। वैसे पहली बार प्रेसीडेंट के तौर पर पुतिन भारत में साल 2000 में आए थे। तब देश के पीएम अटल बिहारी वाजपेई थे। उसके दो साल के बाद पुतिन ने वाजपेई से मुलाकात की थी। उसके बाद प्रेसीडेंट के तौर पर मनमोहन से उन्होंने 2004 से लेकर 2012 तक तीन बार भारत आकर मुलाकात की। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐरा में पुतिन चौथी बार राष्ट्रपति के तौर पर भारत दौरे पर आएंगे। जोकि अपने आप में बड़ी बात है।
राष्ट्रपाति के तौर पर पुतिन के भारत दौरे
साल | कब से कब तक |
2000 | 2 से 5 अक्टूबर |
2002 | 3 से 4 दिसंबर |
2004 | 3 से 5 दिसंबर |
2007 | 25 से 27 जनवरी |
2012 | 24 दिसंबर |
2014 | 10-11 दिसंबर |
2016 | 15 से 16 अक्टूबर (ब्रिक्स सम्मेलन) |
2018 | 4 से 5 अक्टूबर |