झुनझुनवाला ने पहली बार 1985 में सिर्फ 5000 रुपये के साथ शेयर बाजार में प्रवेश किया था। वह उस समय कॉलेज में पढ़ रहे थे। झुनझुनवाला देश के 48वें सबसे अमीर व्यक्ति थे। जून तिमाही के अंत तक उनका 47 कंपनियों में निवेश था।
मुंबई। देश के बड़े बिजनेस टाइकून राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) का अंतिम संस्कार रविवार को देर रात किया गया। मुंबई के बाणगंगा श्मशान में उनको अंतिम विदाई दी गई। परिवार व रिश्तेदारों की मौजूदगी में झुनझुनवाला पंचतत्व में विलीन हो गए। दरअसल, अंतिम संस्कार में देरी उनके परिवार के सदस्यों के बाहर होने की वजह से हुई। उनके भाई व अन्य रिश्तेदार विदेश से पहुंचे उसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया। अरबपति निवेशक झुनझुनवाला का निधन आज ही सुबह हुआ था। वह 62 वर्ष के थे। रविवार की सुबह 6.45 बजे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।
अचानक हुई तबीयत खराब
राकेश झुनझुनवाला काफी पहले से डायबिटिक पेशेंट थे। हालांकि, वह रेगुलर चेकअप के लिए ब्रीच कैंडी अस्पताल में जाते थे। बीते दिनों उनको चेकअप के लिए भर्ती कराया गया था, फिर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। शनिवार देर रात अचानक झुनझुनवाला की तबियत बिगड़ गई। परिजन आनन-फानन में उन्हें लेकर ब्रीच कैंडी अस्पताल पहुंचे। रविवार सुबह उनकी मौत हो गई। मौत की वजह मल्टी ऑर्गन फेल्योर बताया जा रहा है।
अकासा एयर में किया था निवेश
झुनझुनवाला ने पहली बार 1985 में सिर्फ 5000 रुपये के साथ शेयर बाजार में प्रवेश किया था। वह उस समय कॉलेज में पढ़ रहे थे। झुनझुनवाला देश के 48वें सबसे अमीर व्यक्ति थे। उन्होंने 1986 में टाटा टी के 5,000 शेयर 43 रुपये के भाव पर खरीदे। तीन माह में यह शेयर 143 रुपये पर पहुंच गया। यह उनका पहला बड़ा मुनाफा था। जून तिमाही के अंत तक उनका 47 कंपनियों में निवेश था। इनके पोर्टफोलियो में स्टार हेल्थ, टाइटन, रैलिस इंडिया, केनरा बैंक, इंडियन होटल्स कंपनी, एग्रो टेक फूड्स, नजारा टेक्नोलॉजीज और टाटा मोटर्स शामिल हैं।
फोर्ब्स ने उनकी कुल संपत्ति लगभग 5.5 बिलियन डॉलर आंकी है। झुनझुनवाला ने हाल ही में अकासा एयर (Akasa Air) के साथ विमानन उद्योग में कदम रखा था। अकासा एयर के विमान ने 7 अगस्त को पहली उड़ान भरी थी। झुनझुनवाला एक निवेशक होने के अलावा, एप्टेक लिमिटेड और हंगामा डिजिटल मीडिया एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष थे। वह कई भारतीय फर्मों के निदेशकों में भी थे। वह संयुक्त राष्ट्र में भारत के अंतरराष्ट्रीय मूवमेंट के सलाहकार भी थे।
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