सरकार ने यूट्यूब, गूगल, व्हॉट्सएप और अन्य ‘सार्वजनिक मंचों’ पर बदले के लिए पोर्न या अश्लीलता, फर्जी खबरों और हिंसा फैलाने वाली सामग्री के जरिये इनके दुरुपयोग पर गंभीर चिंता जताई
नई दिल्ली: सरकार ने यूट्यूब, गूगल, व्हॉट्सएप और अन्य ‘सार्वजनिक मंचों’ पर बदले के लिए पोर्न या अश्लीलता, फर्जी खबरों और हिंसा फैलाने वाली सामग्री के जरिये इनके दुरुपयोग पर गंभीर चिंता जताई। सरकार ने ऐसे मंचों को, यह मानते हुए भी आगाह किया है कि ‘‘डिजिटल दुनिया को ‘पिंजरे में कैद’ नहीं किया जा सकता’’ फिर भी इन मंचों के दुरुपयोग की जवाबदेही संबंधित कंपनियों की होगी।
विधि एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बृहस्पतिवार को आईएएमएआई के इंडिया डिजिटल समिट को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘फर्जी समाचारों का मुद्दा चिंता की बात है। इंटरनेट का चाइल्ड पोर्नोग्राफी के लिए इस्तेमाल पर संसद गंभीर रूप से चिंतित है।’’
मूल स्रोत की पहचान अब भी समस्या
उन्होंने कहा कि व्हॉट्सएप के संदर्भ में संदेश के मूल स्रोत की पहचान अब भी समस्या है। मंत्री ने कहा, ‘‘मैं रचनात्मकता और आजादी का समर्थक हूं, लेकिन कुछ सामाजिक प्रतिबद्धताएं भी हैं। लेकिन डिजिटल दुनिया को जिम्मेदार, जवाबदेह और सबसे अधिक संवेदनशील होना चाहिए। सिर्फ पैसा कमाने के लिए क्या हम जो दिखा रहे हैं उसे दिखाना सही है।’’
उन्होंने कहा कि भारत एक बड़ी डिजिटल ताकत के रूप में उभर रहा है, जहां स्वर्णिम अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कंपनियों से कहा कि वे अपने मंच का दुरुपयोग नहीं होने दें। प्रसाद ने कहा, ‘‘आपको याद रखना है कि भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है और कुछ ताकतें हैं जो अड़चन पैदा करना चाहती हैं। यह उनकी सोच है लेकिन आपको अपने मंच का दुरुपयोग नहीं होने देना है। यह मेरी आपसे अपील है।’’
फर्जी खबरों जैसे मुद्दे समस्या हैं
उन्होंने कहा कि डिजिटल जगत एक पवित्र और शुद्ध दुनिया है, जो सशक्त करती है। हालांकि, उन्होंने कहा कि फर्जी खबरों जैसे मुद्दे समस्या हैं। प्रसाद ने कहा कि बदला लेने के लिए पोर्न पोस्ट डालरने की प्रवृत्ति भारत में पनप रहा है। कई मामलों में दो लड़के-लड़के एक दूसरे से जब अलग हो जाते हैं तो बदले की भावना से डिजिल मंच का दुरुपयोग किया जाता है।
प्रसाद ने कहा कि उन्होंने यूट्यूब के दुरुपयोग का मुद्दा अल्फाबेट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई के समक्ष भी रखा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पिचाई से कहा कि आप यूट्यूब पर जाएं तो कहने को उस पर कई सकारात्मक चीजें मसलन पुराने गाने, भाषण और कुछ अच्छी डिजिटल सामग्री दिखाने की बात होती है ....लेकिन उसका दूसरा पहलू देखिये तो .. यूट्यूब का दुरुपयोग हो रहा है।’’
प्रसाद ने कहा, ‘‘यूट्यूब, गूगल, मोबाइल और अन्य संबंधित मंच सार्वजनिक मंच हैं। इनका दुरुपयोग पोर्न, जाली खबरों या हिंसा फैलाने वाली सामग्री के प्रसार के लिए हो रहा है।’’ उन्होंने व्हॉट्सएप के बारे में कहा कि अब भी वहां संदेश के मूल स्रोत की पहचान करने में समस्या है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(फाइल फोटो)