RBI दे सकती है जोर का झटका धीरे से, UPI फंड ट्रांसफर पर भी लगने वाला है चार्ज

Published : Aug 18, 2022, 02:09 PM ISTUpdated : Aug 18, 2022, 03:00 PM IST
RBI दे सकती है जोर का झटका धीरे से, UPI फंड ट्रांसफर पर भी लगने वाला है चार्ज

सार

भारतीय रिजर्व बैंक जल्द ही यूपीआई बेस्ट फंड ट्रांसफर पर भी चार्ज लगाने की अनुमति दे सकता है। आरबीआई इस योजना पर गंभीरता से विचार कर रहा है ताकि इसके परिचालन का व्यय वसूला जा सके। हाल ही में आरबीआई ने डेबिट कार्ड पर इंटरचेंज चार्ज लगा दिया था, जिसकी वजह से डेबिट कार्ड यूज करना भी महंगा हो गया।  

UPI-Based Fund Transfer. भारतीय रिजर्व बैंक जल्द ही यूपीआई बेस्ट फंड ट्रांसफर पर भी चार्ज लगाने की अनुमति दे सकता है। आरबीआई इस योजना पर गंभीरता से विचार कर रहा है ताकि इसके परिचालन का व्यय वसूला जा सके। हाल ही में आरबीआई ने डेबिट कार्ड पर इंटरचेंज चार्ज लगा दिया था, जिसकी वजह से डेबिट कार्ड यूज करना भी महंगा हो गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इसके लिए लोगों से सुझाव भी मांगे हैं। 

लोगों का लिया जा रहा सुझाव
केंद्रीय बैंक ने भुगतान प्रणाली में शुल्क पर चर्चा के लिए एक पेपर जारी किया है और इस विषय पर सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं। पेपर में कहा गया है कि ऑपरेटर के रूप में आरबीआई को आरटीजीएस में बड़े निवेश और परिचालन व्यय की लागत की वसूली करनी है। क्योंकि इसमें सार्वजनिक धन का व्यय शामिल है। इसके अलावा रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) में आरबीआई द्वारा लगाया गया शुल्क कमाई का साधन नहीं है। डिजिटल लेन देन पर शुल्क लगाने से इसके सिस्टम पर होने वाले व्यय को मेंटेन किया जाएगा ताकि यह सुविधा बिना किसी रुकावट के जारी रहे। 

आरटीजीएस व एनईएफटी
यूपीआई आधारित लेनदेन के अलावा आरटीजीएस और एनईएफटी द्वारा भी भुगतान किया जाता है। इन भुगतानों पर शुल्क लगा है। आरटीजीएस मुख्य रूप से बड़े लेनदेन के लिए उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग मुख्य रूप से बैंकों और बड़े संस्थानों/व्यापारियों द्वारा किया जाता है। पेपर में कहा गया है कि क्या इस तरह की प्रणाली जिसमें सदस्य के रूप में संस्थान शामिल हैं, के लिए आरबीआई को मुफ्त लेनदेन प्रदान कराना चाहिए। आरबीआई का कहना है कि एनईएफटी के संचालन में आरबीआई को लाभ नहीं मिलता। लेकिन लागत की वसूली को उचित ठहराया जा सकता है। 

पेपर में यह पूछा गया है
आरबीआई द्वारा जारी पेपर में पूछा गया है कि भले ही इस तरह के बुनियादी ढांचे को सार्वजनिक वस्तु के रूप में माना जाता और भुगतान के डिजिटलीकरण को सर्विस कहा जाता है लेकिन क्या कोई शुल्क न लगाना ठीक है? पेपर ने आरबीआई द्वारा विनियमित किए जा रहे तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) लेनदेन के लिए शुल्क की संभावना को सामने रखा है। यह माना जा रहा है कि जल्द ही आरबीआई यूपीआई भुगतान पर भी चार्ज लगा देगा।

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