भारत में सेकेंड हैंड गाड़ियों का बाजार काफी बड़ा है। हर रोज लोग गाड़ी की आरसी को ट्रांसफर भी कराते हैं। लेकिन यह काम लोगों को पसंद नहीं आता है। ऐसे में हम आपको आसान तरीका बता रहे हैं, जिसमें आपको आरटीओ का चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
बिजनेस डेस्कः भारत में सेकेंड हैंड गाड़ियों का बड़ा बाजार है। यू-व्हीलर हो या फोर-व्हीलर, लोग कई कारणों से अपनी गाड़ियां बेचते हैं। वहीं सेकेंड हैंड गाड़ी खरीदनेवालों की भी कमी नहीं है। अब गाड़ी खरीद ली है, तो कागज में गाड़ी का मालिकाना हक भी तो बदलवाना है। जिसे रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (registration certificate) ट्रांसफर करना कहते हैं। यह ऐसा काम होता है, जो लोग काफी थका हुआ काम समझते हैं। लेकिन सेकेंड हैंड गाड़ी खरीद-बिक्री में रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर कराना बेहद जरूरी है। लेकिन गाड़ी की आरसी (RC) को ट्रांसफर कराना उतना आसान भी नहीं है। कई बार तो आरटीओ का चक्कर भी लगाना पड़ जाता है। लेकिन हम आपको इसका ऐसा तरीका बताएंगे, जो काफी आसान है।
14 दिनों के अंदर RC ट्रांसफर करना जरूरी
किसी भी गाड़ी को बेचने के लिए मालिक को 14 दिनों के अंदर आरसी ट्रांसफर (RC transfer) करवाना होता है। इसके लिए आरटीओ (RTO) में कुछ दस्तावेजों के साथ अप्लाय करना होगा। इन दस्तावेजों में आरसी की मूल प्रति साथ रखना होगा। फॉर्म 29 (Form 29) भी आपको भरना होगा, जिसमें पासपोर्ट साइज फोटो और खरीदार के हस्ताक्षर होने चाहिए।
आरटीओ वेबसाइट से फॉर्म डाउनलोड करें
अब आती है फॉर्म डाउनलोड और फॉर्म भरने की प्रक्रिया। फॉर्म को आरटीओ की वेबसाइट (RTO website) से डाउनलोड किया जा सकता है। इसे भरकर आरटीओ कार्यालय में जमा करना होता है। इसके बाद एक महीने के अंदर आरसी ट्रांसफर कर नए पते पर भेज दिया जाता है। फॉर्म 28 (Form 28) का इस्तेमाल एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर के लिए किया जाता है, जिसमें 30 दिन से ज्यादा का समय लगता है।
गाड़ी ऑनलाइन ट्रांसफर करने का तरीका
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