प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना संकट से निपटने के लिए जब 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की तो उसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पैकेज के जरिए दिए जाने वाले राहत के बारे में डिटेल में जानकारी दे रही हैं।
बिजनेस डेस्क। प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना संकट से निपटने के लिए जब 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की तो उसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पैकेज के जरिए दिए जाने वाले राहत के बारे में डिटेल में जानकारी दे रही हैं। वित्त मंत्री कोरोना पर काबू पाने के लिए किए जा रहे सरकारी खर्च का लेखा-जोखा भी दे रही हैं। रविवार को प्रधानमंत्री मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के तहत 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की आखिरी किस्त की जानकारी उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। इस दौरान उन्होंने बताया कि मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रुपए का रुपए का अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा। इसके साथ ही हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाया जाएगा और टेक्नोलॉजी आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने के उपाय भी किए जाएंगे।
पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज के लिए नई पॉलिसी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज के लिए नई पॉलिसी लाने की घोषणा के साथ ही कारोबारी सुगमता और राज्यों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए उपायों की भी घोषणा की। इसके साथ ही, कोरोना महामारी से सरकार किस तरह जूझ रही है और उसमें क्या खर्च हो रहे हैं, इसका भी ब्योरा दिया।
कोल, डिफेंस, पावर सेक्टर को लेकर बड़े एलान
इसके पहले शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोल, डिफेंस, मिनरल, सिवलिल एविएशन, स्पेस, पावर सेक्टर को लेकर बड़े सुधारों का एलान किया। उन्होंने कहा कि कोल सेक्टर में सरकार का एकाधिकार नहीं रहेगा। इसके साथ ही 50 नए कोल ब्लॉक खोलने की घोषणा की गई। डिफेंस सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 फीसदी से बढ़ा कर 74 फीसदी कर दी गई। इसके अलावा सोशल इन्फ्रा सेक्टर के लिए 8100 करोड़ रुपए के पैकेज का एलान किया गया। सिविल एविएशन के क्षेत्र में सरकार ने ज्यादा हवाई क्षेत्र उड़ान के लिए खोलने की बात कही और इसके साथ ही 6 एयरपोर्ट की नीलामी की घोषणा भी की गई। पावर सेक्टर में सरकार ने यूनियन टेरिटरी में डिस्कॉम के निजीकरण की घोषणा की।
टेलिकॉम सेक्टर को राहत नहीं
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने कहा कि सरकार के राहत पैकेज में उसे कोई लाभ नहीं मिला है। एसोसिएशन का कहना है कि टेलिकॉम ऑपरेटर्स लंबे समय से लाइसेंस फीस और लेवी में कटौती की मांग कर रहे थे। इसी तरह, व्यापारी वर्ग ने भी राहत पैकेज से असंतोष जताया है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और महांत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा है कि आर्थिक पैकेज में खुदरा व्यापारियों की पूरी तरह से उपेक्षा की गई है, जिन्हें कोरोना महामारी और लॉकडाउन से सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है।
गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए किए थे ये एलान
गुरुवार को वित्त मंत्री ने आर्थिक पैकेज की जानकारी देते हुए प्रवासी मजदूरों, छोटे किसानों, स्ट्रीट वेंडर्स, आदिवासियों और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए राहत की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि करीब 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को अगले दो महीने तक मुफ्त अनाज मिलेगा। साथ ही, मुद्रा शिशु लोन लेने वालों को ब्याज पर 12 माह के लिए 2 फीसदी की राहत की घोषणा की गई थी। पीएम आवास योजना के तहत 6-18 लाख तक की आय वालों के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम को 31 मार्च 2021 तक बढ़ाया गया। इससे करीब 2.50 लाख से ज्यादा मध्यम वर्गीय परिवारों को लाभ मिल सकेगा। इस सबके अलावा राज्यों, कॉरपोरेट्स और पब्लिक सेक्टर की कंपनियों के लिए अलग से घोषणाएं की गई हैं।