26 राज्यों में खुदरा महंगाई 6 फीसदी से ज्यादा, यहां देखिये क्या कह रहे हैं सरकारी डाटा

महाराष्ट्र में, सीपीआई मुद्रास्फीति लगातार पांच महीनों के लिए 6 फीसदी से ऊपर रही है और हरियाणा में, महंगाई दर बीते 6 महीनों से 6 फीसदी से अधिक है। पश्चिमी भारत में दादरा और नगर हवेली 9 महीने की लंबी अवधि से महंगाई 6 फीसदी से ज्यादा है।

बिजनेस डेस्क। 12 मई को जारी अप्रैल के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत की खुदरा मुद्रास्फीति दर 95 महीने के हाई 7.79 फीसदी पर पहुंच गई है। यह लगातार चौथा महीना था जिसमें मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 2-6 फीसदी के टॉलरेंस लेवल से ज्यादा है। हालांकि, कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में कीमतें लंबी अवधि के लिए तेज गति से बढ़ी हैं। जिसकी वजह 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में महंगाई दर 6 फीसदी से ज्यादा है।

औसत महंगाई इन राज्यों में ज्यादा
महाराष्ट्र में, सीपीआई मुद्रास्फीति लगातार पांच महीनों के लिए 6 फीसदी से ऊपर रही है और हरियाणा में, महंगाई दर बीते 6 महीनों से 6 फीसदी से अधिक है। पश्चिमी भारत में दादरा और नगर हवेली 9 महीने की लंबी अवधि से महंगाई 6 फीसदी से ज्यादा है। पिछले 9 महीनों में दादरा और नगर हवेली में खुदरा महंगाई औसतन 8.3 फीसदी रही है - जो भारत के किसी भी क्षेत्र में सबसे अधिक है।

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इन राज्यों में महंगाई सबसे ज्यादा
सीपीआई के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 26 में 6 फीसदी से अधिक हो गई। यह दर पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक 9.12 फीसदी थी। मध्य प्रदेश 9.10 फीसदी, तेलंगाना में 9.02 फीसदी देखने को मिली थी। वहीं दूसरी ओर 2.29 प्रतिशत की खुदरा महंगाई के साथ मणिपुर था। अप्रैल में 4 फीसदी के करीब महंगाई वाला एकमात्र अन्य राज्य गोवा था, जिसमें 4.01 प्रतिशत था।

इस वजह से बढ़ी महंगाई
फ्यूल की कीमतों में इजाफे ने ने ऊर्जा से संबंधित वस्तुओं के लिए महंगाई और परिवहन की जाने वाली वस्तुओं के लिए अप्रत्यक्ष रूप से लागत में वृद्धि की है। यदि परिवहन लागत पर्याप्त रूप से अधिक है, तो कुछ क्षेत्रों में माल की आपूर्ति एक चुनौती हो सकती है। हालांकि, दो क्षेत्रों में महंगाई - प्रत्येक में एक राज्य को छोड़कर - पिछले छह महीनों में राष्ट्रीय औसत 6.2 फीसदी से नीचे थी। दक्षिणी भारत में, पिछले छह महीनों में केवल तेलंगाना की औसत खुदरा महंगाई 6.2 प्रतिशत से अधिक थी। पूर्वोत्तर में, केवल मिजोरम में इसी अवधि में महंगाई 6.2 प्रतिशत से अधिक थी।

यहां औसत से ज्यादा महंगाई
जहां तक निरंतर आधार पर बढ़ी हुई महंगाई का सवाल है, कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रदर्शन दूसरों की तुलना में खराब रहा है। सीपीआई महंगाई जुलाई-सितंबर 2021- दादरा और नगर हवेली, सिक्किम, तेलंगाना और जम्मू और कश्मीर से शुरू होने वाले भारत के विभिन्न कोनों से चार क्षेत्रों में लगातार तीन तिमाहियों के लिए 6 प्रतिशत से अधिक थी। पिछली तीन तिमाहियों में अखिल भारतीय सीपीआई मुद्रास्फीति औसतन 5.1 प्रतिशत, 5 प्रतिशत और 6.3 प्रतिशत रही। आरबीआई के लिए, यदि राष्ट्रीय स्तर पर औसत सीपीआई मुद्रास्फीति लगातार तीन तिमाहियों के लिए 2-6 प्रतिशत के जनादेश से बाहर रहती है, तो इसे केंद्रीय बैंक के लिए एक विफलता माना जाएगा।

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