इजरायल ने भारत सहित अपने सात देशों में उड़ान भरने से लेकर अपने नागरिकों पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है, जिसमें कोरोनो वायरस के मामलों में वृद्धि देखी गई है।
बिजनेस डेस्क. कोरोना संक्रमण (Covid-19) के बढ़ते मामलों के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने इजरायल के विशेषज्ञों की एक टीम को भारत आने की अनुमति की मांग की है। की यह टीम कोविड- 19 की त्वरित पहचान के उपकरण भारत में स्थापित करेगी। रिलायंस ने इस प्रणाली को इजरायल के एक स्टार्ट अप से डेढ करोड़ डालर में हासिल किया है। कंपनी सूत्रों के अनुसार- ब्रेथ आफ हेल्थ (बीओएच) के एक प्रतिनिधिमंडल को रिलायंस के आग्रह पर पहले ही आपात मंजूरी दी जा चुकी है।
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जल्द बताएगी परिणाम
इजरायल के चिकित्सा प्रौद्योगिकी कंपनी के विशेषज्ञों की टीम भारत में रिलायंस की टीम को अपनी नवोन्मेषी प्रणाली के बारे में प्रशिक्षण देगी। यह प्रणाली कोरोना वायरस से ग्रसित लोगों और मरीजों के बारे में शुरुआती स्तर पर ही पहचान कर देगी। प्रणाली कुछ ही सेकंड में परिणाम बता देती है। बहरहाल, इजरायल ने अपने नागरिकों को दुनिया के सात देशों में जाने से मना किया हुआ है।
उड़ान में प्रतिबंध
इजरायल ने भारत सहित अपने सात देशों में उड़ान भरने से लेकर अपने नागरिकों पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है, जिसमें कोरोनो वायरस के मामलों में वृद्धि देखी गई है। इजरायली चिकित्सा प्रौद्योगिकी कंपनी के विशेषज्ञ कोरोनो वायरस के शुरुआती चरणों में रोगियों की पहचान करने के लिए इसके द्वारा विकसित अभिनव प्रणाली के संचालन में भारत में रिलायंस की टीम का मार्गदर्शन करेंगे।
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रिलायंस समूह ने फर्म के स्विफ्ट COVID-19 सांस परीक्षण प्रणाली को वितरित करने के लिए BOH के साथ जनवरी में USD 15 मिलियन के सौदे पर हस्ताक्षर किए। समझौते के अनुसार, 15 मिलियन अमरीकी डॉलर के मूल्य के सौदे में इज़राइली कंपनी से सैकड़ों प्रणालियों की खरीद करेंगे और प्रति माह 10 मिलियन अमरीकी डालर की लागत से लाखों परीक्षण करने के लिए उनका उपयोग करेंगे।
समझौते के मुताबिक इस सिस्टम के जरिए रिलायंस इंडस्ट्रीज बड़े पैमाने पर कोविड- 19 की जांच कर सकेगी। कंपनी डेढ करोड़ डालर में ऐसी कई सिस्टम इजरायल से खरीदेगी जिससे एक करोड़ डालर मासिक की लागत पर लाखों परीक्षण किये जा सकेंगे। ब्रेथ आफ हेल्थ ने सांसों के जरिए परीक्षण की यह सिस्टम विकसित की है जिसकी सफलता दर 95 प्रतिशत तक बताई जाती है।