रुपया बुधवार को अमेरिकी मुद्रा की तुलना में 62 पैसे की तेज गिरावट के साथ 72.09 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। अक्टूबर महीने में खुदरा मुद्रास्फीति तेजी से बढ़ती हुई 4.62 प्रतिशत पर पहुंच गयी। यह इसका 16 महीने का उच्च स्तर है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने बुधवार को शुद्ध रूप से 584.92 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
मुंबई. वैश्विक बाजारों में नकारात्मक रुख , कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और कमजोर वृहद आर्थिक आंकड़ों से रुपया बृहस्पतिवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 15 पैसे गिरकर 72.24 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया। अंतर बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया मामूली बढ़त के साथ 72.05 रुपये प्रति डॉलर पर खुला। शुरुआती कारोबार में यह पिछले बंद से 15 पैसे गिरकर 72.24 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया।
रुपया बुधवार को 62 पैसे फिसला
रुपया बुधवार को अमेरिकी मुद्रा की तुलना में 62 पैसे की तेज गिरावट के साथ 72.09 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि कमजोर वैश्विक रुख और वृहद आर्थिक आंकड़ों से बाजार की धारणा कमजोर हुई है। अक्टूबर महीने में खुदरा मुद्रास्फीति तेजी से बढ़ती हुई 4.62 प्रतिशत पर पहुंच गयी। यह इसका 16 महीने का उच्च स्तर है। बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है।
वैश्विक नरमी
वैश्विक मोर्चे पर, फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पोवेल ने कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में वृद्धि जारी रह सकती है लेकिन वैश्विक नरमी और व्यापार विवाद के चलते अर्थव्यवस्था को जोखिमों का सामना करना पड़ेगा। शेयर बाजार के पास मौजूद आरंभिक आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने बुधवार को शुद्ध रूप से 584.92 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 0.42 प्रतिशत बढ़कर 62.63 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)