SBI ने FD के साथ Lending Rate में किया इजाफा, जानिए आम लोगों की जेब पर क्‍या पड़ेगा असर

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) न्यूनतम ब्याज दर निर्धारित करता है, जिसे सभी बैंक अपनी मानक दर के रूप में उपयोग करते हैं। बैंकों को केंद्रीय बैंक की पूर्व निर्धारित आधार दर (Base Rate) से कम दर पर उधार देने की अनुमति नहीं है।

 

Asianet News Hindi | Published : Dec 16, 2021 7:17 AM IST

बिजनेस डेस्‍क। भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) द्वारा अपनी आधार दर (Base Rate) में 10 आधार अंकों की बढ़ोतरी के साथ मौजूदा उधारकर्ताओं के लिए ऋण थोड़ा महंगा होना तय है। एसबीआई ने अपनी वेबसाइट के मुताबिक बेस रेट में 10 बीपीएस की बढ़ोतरी की है। नई दर 15 दिसंबर 2021 से प्रभावी होगी। इससे पहले सितंबर में बैंक ने आधार दर को 5 आधार अंक घटाकर 7.45 फीसदी कर दिया था।

फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट की दरों में भी इजाफा
SBI ने 15 दिसंबर 2021 से 2 करोड़ रुपए से ऊपर की सावधि जमाओं पर ब्याज भी बढ़ा दिया। SBI ने 2 करोड़ रुपए से कम की एफडी की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। संशोधित ब्याज दरें नई जमाओं के साथ-साथ परिपक्व जमाओं के नवीनीकरण पर भी लागू होंगी। एनआरओ फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट ब्याज दरों का मिलान घरेलू एफडी ब्याज दरों के साथ किया जाएगा। एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार, ये ब्याज दरें सहकारी बैंकों द्वारा धारित घरेलू एफडी पर भी लागू होंगी।

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इन लोगों पर भी पड़ा असर
यह ब्याज दर वृद्धि केवल आधार दर तक सीमित रहने की संभावना नहीं है क्योंकि हम जल्द ही एमसीएलआर और ईबीआर जैसी अन्य बेंचमार्क दरों को भी बढ़ा सकते हैं। एसबीआई मार्केट लीडर होने के नाते, अन्य बैंकों द्वारा भी इसका अनुसरण करने और आने वाले दिनों में अपनी उधार दरों में वृद्धि करने की संभावना है। उधारकर्ताओं के लिए एक संदर्भ दर होने के अलावा, आधार दर अर्थव्यवस्था में समग्र ब्याज दर की दिशा के संकेतक के रूप में भी काम करती है। आधार दर में वृद्धि इंगित करती है कि गिरती ब्याज दर की प्रवृत्ति अंततः उलट रही है और आगे चलकर हम ब्याज दरों में कुछ और बढ़ोतरी देख सकते हैं जो पिछले 2 दशकों में सबसे कम रिटर्न प्राप्त करने वाले फ‍ि‍क्‍स्‍ड डिपॉजिट निवेशकों के लिए अच्छी खबर है।

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होम लोन हो जाएगा महंगा
सभी उधारकर्ता जिन्होंने जुलाई 2010 और मार्च 2016 के बीच फ्लोटिंग रेट होम लोन लिया था और अब तक अपने ऋण को एमसीएलआर या बाहरी बेंचमार्क दर (ईबीआर) जैसे अन्य नियमों में ट्रांसफर नहीं किया था, वे एसबीआई की आधार दर वृद्धि से प्रभावित होंगे। आधार दर वह न्यूनतम ब्याज दर है, जिस पर कोई बैंक अपने उन ग्राहकों को उधार दे सकता है जिनके पास अभी भी आधार दर व्यवस्था के तहत लोन है। नतीजतन, होम लोन जैसे फ्लोटिंग रेट लोन वाले इन पुराने उधारकर्ताओं की समग्र ब्याज दर बढ़ जाएगी, जिसके कारण वे या तो बढ़ी हुई ईएमआई का भुगतान करेंगे या उनके ऋण की अवधि बढ़ा दी जाएगी।

रेपो दरों में नहीं हुआ था बदलाव
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा दरों पर यथास्थिति बनाए रखने के अपने फैसले की घोषणा के कुछ ही दिनों बाद एसबीआई ने आधार दर में वृद्धि की है। 8 दिसंबर 2021 को, आरबीआई ने दरों पर यथास्थिति बनाए रखने के अपने निर्णय की घोषणा की। रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट फिलहाल क्रमश: 4% और 3.35 फीसदी है।

 

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