कोरोना काल से पहले सीनियर सिटीजंस को रेल टिकट पर 60 फीसदी की छूट मिलती थी। लेकिन अब वह छूट नहीं मिल रहा है। रेल मंत्रालय ने अब तक कोरोना काल में बंद की गई सेवा को बहाल नहीं किया है। मंत्रालय का कहना है कि इससे सरकार को घाटा होता है।
बिजनेस डेस्कः कोरोना काल से पहले सीनियर सिटीजंस को रेल टिकट पर 50% की छूट दी जाती थी। कोरोना काल में रेल सेवा बंद होने के बाद इस छूट को भी खत्म कर दिया गया था। अब जब कोरोना कम है और रेल सेवा फिर से चालू है तो भी सीनियर सिटीजंस को मिलने वाली छूट को शुरू नहीं किया जा सका है। सरकार का इरादा नहीं लग रहा है कि वे इस छूट को दोबोरा बहाल करेगी।
अभी इन्हें मिल रही है छूट की सुविधा
एक रिपोर्ट के मुताबिक रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में कहा है कि सीनियर सिटीजंस को किराए में छूट देने से सरकार के खजाने पर भारी बोझ पड़ता है। इसलिए इसे बहाल करने की कोई योजना नहीं है। कुछ स्पेशल कैटगरी वाले लोगों को किराए में छूट की सुविधा दी जा रही है। इनमें दिव्यांग, मरीज और छात्र शामिल हैं। पहले सीनियर सिटीजंस के साथ-साथ खिलाड़ियों को भी छूटच दी जाती थी, लेकिन अब यह सुविधा नहीं दी जा रही है। रेल मंत्री ने कहा कि 2017-18 में सीनियर सिटीजंस को टिकट पर छूट दिया जाता थाष जिससे रेलवे पर 1491 करोड़ रुपए का बोझ पड़ा। 2018-19 में यह राशि 1636 करोड़ रुपए और 2019-20 में 1667 करोड़ रुपए रही।
कोरोना काल में रेलवे को हुई मोटी कमाई
रेलवे ने खिलाड़ी, ट्रांसजेंडर, शहीद की विधवा, सीनियर सिटीजन सहित 12 श्रेणियों के रियायती किराए को सिर्फ तीन श्रेणियों तक सीमित कर दिया। 2020 से कोरोना की आड़ में सीनियर सिटीजन सहित 53 कैटेगरी में कंसेशन (छूट) सुविधा बंद कर दी थी। 2021-22 में ही रेलवे को 50% तक की छूट बंद करने से लगभग 3400 करोड़ रुपए की कमाई हुई। दुनियाभर में सीनियर सिटीजन को अतिरिक्त सुविधाएं दी जा रही हैं। लेकिन भारत में उल्ट चार्ज लगाया जा रहा है। इससे रेलवे ने 1500 करोड़ एक्स्ट्रा की कमाई की है।
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