
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) ने वैसे तो पूरी दुनिया पर कहर बरपाया, लेकिन सुपर रिच (Super rich) लोगों के लिए यह बेहतर साबित हुई है। इसके पीछे बड़ी वजह ये है कि संपत्ति की कीमतें तो बढ़ी हैं, लेकिन ब्याज दरें पिछले दो साल से थमी हुई हैं। कमर्शियल प्रॉपटी एडवाइजरी फर्म नाइट फ्रैंक ( knight frank ) की 2021 की 15वीं एनुअल वेल्थ रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक UHNWI (अल्ट्रा हाई नेट वर्थ इंडीविजुअल) जनसंख्या पिछले वर्ष की तुलना में 2.4 प्रतिशत बढ़ी है। इसमें सर्वाधिक 12 फीसदी की वृद्धि एशिया में हुई है। UHNWi ऐसे लोग हैं , जिनकी कुल संपत्ति 30 मिलियन डॉलर या उससे अधिक है। भारत में अभी तकरीबन 7 हजार लोग सुपर रिच की श्रेणी में हैं। यदि आप सुपर रिच श्रेणी में आना चाहते हैं तो जानें आपको सालाना कितने पैसे कमाने की जरूरत होगी...
मोनाको में कोई भी गरीब नहीं, सबसे ज्यादा पैसे यहीं चाहिए
यूरोपीय देश मोनाको में सुपर रिच बनने के लिए सबसे ज्यादा पैसे की जरूरत है। यहां 7.9 मिलियन डॉलर (60 करोड़ सालाना) कमाई वाले लोग सुपर रिच बन सकते हैं। महज 40 हजार लोगों की आबादी वाले देश की खासियत ये है कि यहां कोई भी शख्स गरीब नहीं है। यही वजह है कि जीरो पॉवर्टी रेट वाले इस देश में सुपर रिच की श्रेणी के लिए सबसे ज्यादा पैसों की जरूरत होगी।
दूसरे नंबर पर स्विटजरलैंड
स्विटजरलैंड अपनी संपन्नता के लिए जाना जाता है। यहां देश के शीर्ष अमीरों की सूची में शामिल होने के लिए 5.5 मिलियन डॉलर की जरूरत होगी। इस देश की 60% जमीन ऐलप्स पर्वत से ढकी हुई है इसलिए यहां पर्यटन आय का सर्वाधिक बड़ा स्रोत है। यहां की घड़ियां, चीज और चॉकलेट दुनियाभर में मशहूर हैं।
सुपर रिच की सर्वाधिक संख्या अमेरिका में
अमेरिका में दुनिया की सबसे बड़ी UHNWI (ultra high net worth individual)आबादी है। इसमें से लगभग 180,000 लोगों के पास 2020 में 30 मिलियन डॉलर या उससे अधिक की संपत्ति थी। ऐसे में 4.4 मिलियन डॉलर की संपत्ति वाले लोग अमेरिका के एक प्रतिशत क्लब में शामिल हो सकते हैं। अमेरिकी बाजार में पूरी दुनिया के लोग काम करते हैं और यहां प्रवास की दर दुनियाभर में सबसे ज्यादा है।
कोविड के कारण चीन को झटका
चीन 1.4 अरब लोगों के साथ दुनिया का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है। लेकिन यहां सुपर रिच की सीमा 8.50 लाख डॉलर है। कोविड महामारी के कारण यहां के बाजारों को थोड़ा झटका लगा है, क्योंकि इसे कोरोना का जनक मानते हुए दुनियाभर के बाजारों ने यहां से आयात कम कर दिया है। यहां प्रति व्यक्ति आय औसतन 17 हजार डॉलर है।
भारत में मुंबई में सर्वाधिक सुपर रिच
भारत अर्थव्यवस्था के मामले में तेजी से विकास कर रहा है, लेकिन यदि छोटे से देश मोनाको से तुलना करें तो इसकी सुपर रिच की सीमा वहां से एक प्रतिशत से भी कम है। भारत में महज 60 हजार डॉलर (45लाख रुपए) सालाना आय वाले सुपर रिच की श्रेणी में आ सकते हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थित अगले पांच साल में दोगुनी यानी 90 लाख रुपए सालाना तक पहुंच जाएगी। भारत में 6,884 सुपर रिच हैं। इनमें से सर्वाधिक मुंबई में हैं।
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