साइरस मिस्त्री विवाद: खतरे में टाटा ग्रुप की प्रतिष्ठा, NCLET के फैसले के बाद बचा है ये बड़ा रास्ता

साइरस मिस्त्री टाटा सन्स के चेयरमैन पद से हटाने के फैसले को गलत मानते हुए NCLET ने उनकी बहाली करने को कहा है, 2016 में बोर्ड और बड़े निवेशकों की वजह से मिस्त्री को हटा दिया गया था

मुंबई: नेशनल कंपनी लॉ अपीलीय ट्रिब्यूनल (NCLET) ने साइरस मिस्त्री टाटा सन्स के चेयरमैन पद से हटाने के फैसले को गलत मानते हुए उनकी बहाली करने को कहा है। 2016 में बोर्ड और बड़े निवेशकों की वजह से मिस्त्री को हटा दिया गया था। खराब प्रबंधन के आरोप में हटाए गए मिस्त्री ने NCLET में बोर्ड के फैसले को चुनौती दी थी।

NCLET के इस फैसले की वजह से टाटा ग्रुप की प्रतिष्ठा पर सवाल खड़े हुए हैं। कारोबारी जगत में इस बात की चर्चा है कि अब ग्रुप के पास मिस्त्री के खिलाफ कौन कौन से रास्ते बचे हैं। जानकारों की राय में मिस्त्री के पक्ष में NCLET के फैसले को लेकर टाटा ग्रुप के पास सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का मौका है। अपील करने के अलावा ग्रुप के पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है। ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट में फैसले के खिलाफ अपनी बात रखने के लिए के लिए चार हफ्ते का समय मांगा है।

Latest Videos

छुट्टियों की वजह से टाटा समूह ने सुप्रीम कोर्ट में अपील के लिए समय मांगा है। इस मामले की सुनवाई में वक्त लगेगा। कॉरपोरेट वकील एच पी रानिना ने इकनॉमिक टाइम्स से कहा कि अपील होती है तो उसके बाद सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि एनसीएलएटी के फैसले पर रोक लगाई जाए या नहीं। शुरुआती सुनवाई इसी पर होगी बाद में तथ्य के आधार पर सुनवाई होगी।

मिस्त्री ने ली थी टाटा की जगह

2012 में रतन टाटा के रिटायर होने के बाद साइरस मिस्त्री ने ग्रुप के चेयरमैन पद पर उनकी जगह ली थी। हालांकि बोर्ड और निवेशकों की ओर से प्रबंधन  पर सवाल उठाए जाने के बाद 2016 में मिस्त्री को उनके पद से हटा दिया गया था। मिस्त्री की जगह एन चंद्रशेखर को एक्जीक्यूटिव चेयरमैन के तौर पर नियुक्त किया गया था।

हटाए जाने के दो महीने बाद मिस्त्री के परिवार की दो इनवेस्टमेंट कंपनियों ने एनसीएलटी की मुंबई बेंच में अपील दायर की थी। इसमें कहा गया था कि मिस्त्री को हटाने का फैसला कंपनीज एक्ट के नियमों के विपरीत था। 

(फाइल फोटो)

Share this article
click me!

Latest Videos

Exclusive: चश्मदीद ने बताया जयपुर अग्निकांड का मंजर, कहा- और भी भयानक हो सकता था हादसा!
20वां अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड, कुवैत में 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित हुए पीएम मोदी
43 साल बाद कुवैत पहुंचे भारतीय पीएम, जमकर लगे मोदी-मोदी के नारे
तो क्या खत्म हुआ एकनाथ शिंदे का युग? फडणवीस सरकार में कैसे घटा पूर्व CM का कद? । Eknath Shinde
कुवैत के लिए रवाना हुए मोदी, 43 साल के बाद पहली बार यहां जा रहे भारतीय PM