मैकडोनाल्ड ने अपने सीईओ स्टीव ईस्टरब्रुक को पद से हटा दिया है। अपने सहयोगी के साथ सहमति से संबंध रखने के आरोप में कंपनी ने ये फैसला लिया। सीईओ पद पर आते ही कंपनी में कई बड़े बदलाव किए थे। जिसमें न्यूनतम आमदनी को बढ़ाने का फैसला भी शामिल है।
वॉशिंगटन. बर्गर बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी मैकडोनाल्ड ने अपने मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) स्टीव ईस्टरब्रुक को नौकरी से निकाल दिया है। कंपनी में अपने सहयोगी के साथ सहमति से संबंध रखने का कारण उनको सीईओ के पद से हाथ धोना पड़ा। इस बात की जानकारी खुद स्टीव ने सभी कर्मचारियों को भेजे एक ईमेल में दी। मैकडोनाल्ड ने भी इस बात की पूष्टी कर दी है।
स्टीव का सफर
52 वर्षीय स्टीव ने अपने कैरियर की शुरुआत बतौर अकाउंटेंट की थी। मैकडोनाल्ड के साथ स्टीव ने अपना सफर साल 1993 में कंपनी के लंदन स्थित स्टोर में मैनेजर के पद से शुरु किया था। साल 2013 में उनको मैकडोनाल्ड का हेड ब्रांड ऑफिसर बनाया गया था। उससे पहले स्टीव पिज्जा एक्सप्रेस के सीईओ थे। 2015 में कंपनी ने प्रमोट कर स्टीव ईस्टरब्रुक को मैकडोनाल्ड का सीईओ बनाया। अब उनको अमेरिका के 14,000 मैकडोनाल्ड रेस्ट्रोरेंट की जिम्मेदारी मिल गई थी।
सफल सीईओ
सीईओ पद संभालते ही स्टीव ने अमेरिका में कंपनी की आय करीब डबल कर दी। इस दौरान कंपनी के पॉलिसी में भी बदलाव किए गए। उदाहरण के तौर पर कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों की न्यूनतम आय को बढ़ाया गया। खाने में एंटीबायोटीक फ्री चिकन और हार्मोन फ्री दूध उपयोग किया जाने लगा।
स्टीव का सालाना इनकम
दुनिया के सबसे बड़े कंपनियों में शुमार मैकडोनाल्ड में बतौर सीईओ पद पर काम करने वाले स्टीव की सालाना इनकम करीब 112 करोड़ रुपए (2018) आंकी गई। स्टीव के पास कुल 283 करोड़ रुपए है। ईस्टरब्रुक का तलाक हो चुका है। उनके तीन बच्चे हैं।