2030 तक 'क्लीन एनर्जी' का लक्ष्य 50 फीसदी, उद्योग जगत ने किया स्वागत, जानें कितने गीगावॉट होगी क्षमता

सभी राज्य सरकारों द्वारा 2030 तक 500 गीगावॉट (500GW) अक्षय ऊर्जा क्षमता बढ़ाने में ग्रीन ओपेन एक्सेस (Green Open) नियमों को अपनाना जरूरत बन गई हैं। भारत सरकार के इस नियम का उद्योग जगत ने स्वागत किया है।
 

Asianet News Hindi | Published : Jul 25, 2022 8:50 AM IST / Updated: Jul 25 2022, 02:22 PM IST

नई दिल्ली. हाल ही में केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि भारत 2030 की समय सीमा से पहले 50 प्रतिशत स्वच्छ ऊर्जा हिस्सेदारी और 500 गीगावॉट के लक्ष्य तक पहुंच जाएगा। हालांकि कई लोग यह कहते हैं कि यह मुश्किल लक्ष्य है क्योंकि सोलर में ज्यादा निवेश की जरूरत है। वहीं मंत्री ने कहा कि स्वच्छ व टिकाउ ऊर्जा की दिशा में भारत 2-30 तक 500 गीगावॉट का लक्ष्य लेकर चल रहा है। 

रेड एक्सपर्ट्स के एमडी और सीईओ राहुल गुप्ता ने कहा कि आगे की चुनौतियां, नतीजों को लेकर हम बेहद सकारात्मक हैं। कहा कि जिस तरह से औद्योगिक विकास हो रहा है, उसे हर कोई महसूस कर सकता है। सौर क्षेत्र उन बाजारों में से एक है, जहां रिटर्न अभी दोगुना है। सरकारी सपोर्ट के कारण यह माना जाता है कि भारत अक्षय ऊर्जा स्रोतों के विकास की दिशा में बड़ा योगदान रखता है। धीरे-धीरे उद्योग जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में आगे पढ़ रहे हैं। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए केंद्र सरकार कई बड़े कदम उठा रही है।

क्या हैं प्रमुख चुनौतियां
पिछले 2 वर्षों के दौरान कोविड की वजह से नए सोलर प्लांट्स के इंस्टालेशन में गिरावट दर्ज की गई है। यह अलार्म की तरह है। सोलर प्लांट्स की लागत भी बढ़ी है। नए टेंडर रूके हुए हैं। सामान की कमी के कारण भी यह उद्योग काफी प्रभावित हुआ है। इन चुनौतियों को कम करने के लिए ग्रीन ओपेन एक्सेस नीति, नवीकरणीय ऊर्जा के लिए ट्रांसमिशन शुल्क की छूट, आरईसी का व्यापार सहित कई स्वागतयोग्य कदम उठाए गए हैं। 

डिस्कॉम का हस्तेक्षेत होगा नियमित
सोलर उद्योग को इस बात से काफी नुकसान हुआ है कि यह हेल्थ के लिए अच्छा नहीं है। इस फैक्ट को देखते हुए डिस्कॉम के मजबूत लचीलेपन और क्षमता वृद्धि में सभी फिल्टर के साथ डिस्कॉम की हालत बिगड़ती जा रही है। समय आ गया है कि हम यह ग्राहकों पर ही छोड़ दें कि वे किससे बिजली खरीदना चाहते हैं। यह भी समय है कि डिस्कॉम हस्तक्षेप न करे और अपनी क्षमता बढ़ाए।

केंद्र सरकार की नीति
केंद्र सरकार की नीति दीर्घावधि में मील का पत्थर साबित होगी। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि सभी वादों को पूरा किया जाए। इससे निवेश बढ़ेगा और लोगों तक फायदा पहुंचेगा। उदाहरण के लिए सीटीयू नेटवर्क पर ट्रांसमिशन शुल्क की छूट को विनियमित किया जाना बाकी है। यह भी महत्वपूर्ण है कि सभी राज्य भी इसका पालन करें।

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