NCLT के फैसले को शुक्रवार को अदालत में चुनौती देगी TSPL, मिस्त्री ने छोड़ा डायरेक्टर पद से दावा

साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल करने वाले एनसीएलएटी के फैसले को चुनौती देने वाली टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (टीएसपीएल) की याचिका पर उच्चतम न्यायालय शुक्रवार को सुनवाई करेगा। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 9, 2020 4:26 PM IST / Updated: Jan 09 2020, 09:58 PM IST

नई दिल्ली. साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल करने वाले एनसीएलएटी के फैसले को चुनौती देने वाली टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (टीएसपीएल) की याचिका पर उच्चतम न्यायालय शुक्रवार को सुनवाई करेगा। मामला सुनवाई के लिए प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध है। संभावना है कि दोनों ही पक्षों... टाटा और मिस्त्री की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ताओं की टीम पेश होगी।

सूत्रों ने बताया कि टाटा ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं अभिषेक मनु सिंघवी, हरीश साल्वे, मुकुल रोहतगी और मोहन परासरन को अपनी पैरवी के लिए चुना है। सूत्रों में से एक ने बताया, "हम एनसीएलएटी के आदेश पर पूरी तरह से रोक लगाने की मांग करेंगे।" टाटा संस ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय अधिकरण (एनसीएलएटी) के 18 दिसंबर के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उसने साइरस इंवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और मिस्त्री को बड़ा राहत देते हुए उन्हें टाटा समूह के चेयरमैन के पद पर पुन:बहाल करने को कहा था।

गैरकानूनी है चंद्रशेखरन की नियुक्ति ? 
साइरस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, मिस्त्री और अन्य प्रतिवादियों ने कैविएट दायर किया है कि इस मामले में कोई भी एकतरफा आदेश पारित नहीं किया गया जाएगा। उनका प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता सी ए सुंदरम, अरविंद दातार, श्याम दीवान और सोमशेखर सुंदरेशन करेंगे। एनसीएलएटी ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि 110 अरब डॉलर की टाटा समूह की कंपनियों के प्रमुख के रूप में एन. चन्द्रशेखरन की नियुक्ति गैरकानूनी है। टाटा समूह ने इसपर अदालत से कहा है कि अधिकरण ने अपने फैसले में कॉरपोरेट लोकतंत्र और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के अधिकारों को कमजोर किया है।

डायरेक्टर पद पर दावा नहीं करूंगा- मिस्त्री 
हालांकि, अभी याचिका न्यायालय में लंबित ही है, लेकिन रविवार को मिस्त्री ने एक बयान में कहा कि वह टाटा समूह में वापस जाने के इच्छुक नहीं हैं और फैसला समूह के हित में लिया गया था और उसका हित किसी भी व्यक्ति के हित से बड़ा है। मिस्त्री ने कहा था, "इस संबंध में चल रही गलत सूचनाओं को खारिज करने के लिए मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि अधिकरण का फैसला मेरे पक्ष में आने के बावजूद, मैं टाटा संस का कार्यकारी चेयरमैन या टीसीएस, टाटा टेलीसर्विसेज या टाटा इंडस्ट्रीज के निदेशक पद पर दावा नहीं करुंगा।"

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
 

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