सरकारी कंपनी को टेकओवर करने वेदांता लगायेगा भारी- भरकम बोली, देखें कंपनी की योजना

Vedanta को उम्मीद है कि भारत मार्च में BPCL के लिए बोलियां खोलेगा। Anil Agarwal ने कहा कि बीपीसीएल का मार्केट कैप लगभग 11 अरब डॉलर से 12 अरब डॉलर है, इसलिए हम इसे खरीदने के लिए 12 अरब डॉलर खर्च करने की योजना तैयार कर चुके हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jan 13, 2022 12:43 PM IST / Updated: Jan 13 2022, 07:08 PM IST

बिजनेस एंड ऑटो डेस्क : सरकारी पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) को खरीदने की दिशा में वेदांता समूह ने बड़ी तैयारी की है। अनिल अग्रवाल के स्वामित्व वाले वेदांता समूह इस कंपनी को टेकओवर करने के लिए 12 अरब डॉलर ( 887.10 अरब रुपये) का बजट लेकर चल रहे हैं। केंद्र सरकार बीपीसीएल (Bharat Petroleum Corporation Limited) को बेचकर बड़ी राशि जुटाने की कवायद में जुटी हुी है। 

12 अरब डॉलर की बोली लगाने तैयार
वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल (Vedanta Group Chairman  Anil Agarwal) ने एक इंटरव्यू में कहा, 'हम अग्रेसिव तरीके से बोली लगाने पर नहीं सोच रहे हैं, लेकिन हम इसकी सही कीमत का आंकलन जरुर करेंगे। अनिल अग्रवाल ने कहा कि बीपीसीएल का मार्केट कैप लगभग 11 अरब डॉलर से 12 अरब डॉलर है, इसलिए हम इसे खरीदने के लिए 12 अरब डॉलर खर्च करने की योजना तैयार कर चुके हैं।'

​बीपीसीएल केलिए खरीददार तलाशना कठिन काम
बीपीसीएल के प्रायवेटाजाइशन के लिए इस समय हालात अनुकूल नहीं हैं। बीपीसीएल के लिए बोली लगाने वालों को खोजना सबसे बड़ा मुद्दा है। दरअसल बीपीसीएल की एसेसटस पूरे भारत में फैला हुआ है। अधिकतर भागीदारों को इस किंग साइज की कंपनी को टेकओवर करने के लिए वित्तीय जोखिमों को उठाना होगा। वहीं सरकार को उम्मीद है कि ऑयल की टॉप वैश्विक कंपनियां बिक्री में भाग लेने के लिए investment fund के साथ बोली लगाएंगी । वहीं कंपनियों को वैश्विक स्थिरता नियमों के कारण इंवेस्ट करना मुश्किल हो रहा है। 

पूरे देश में फैली हैं ​BPCL की संपत्ति
बीपीसीएल की बिक्री देश में सबसे बड़ा प्रायवेटाजाइशन होगा। बीपीसीएल देश की दूसरी सबसे बड़ी सरकारी रिफाइनरी है। सरकार बीपीसीएल में अपनी पूरी 53 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है। इसके लिए सरकार ने  सितंबर-2021 की समय सीमा तय की थी, जो पीछे छूट चुकी है। बीपीसीएल कंपनी का मौजूदा बाजार कैपिटलि तकरीबन 848.27 अरब रुपये (11.4 अरब डॉलर) है।

​कर्मचारियों की नहीं जाएगी जॉब
अनिल अग्रवाल बीपीसीएल को खरीदने के इच्छुक हैं। वो पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि अगर उनकी बोली मंजूर होती है तो वह किसी भी एम्पलाई को बाहर नहीं करेंगे। वेदांता ग्रुप को उम्मीद है कि भारत मार्च में बीपीसीएल के लिए विंडो ओपन केरगा। वेदांता समूह के अलावा, निजी इक्विटी फर्म अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट और आई स्क्वेयर्ड कैपिटल (Private equity firm Apollo Global Management and I Squared Capital) ने भी बीपीसीएल में सरकार की हिस्सेदारी हासिल करने में रुचि दिखाई है। 
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